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उत्तराखंड सचिवालय में सीनियर IAS से अभद्रता मामले पर मचने वाला है बवाल, सचिव महोदय ने ही सुरक्षा पर खड़े कर दिए सवाल, सीएम साब आमजन को कैसे सुरक्षा का भरोसा दिलाएंगे जनाब।

उत्तराखंड, देहरादून।

उत्तराखंड में अक्सर अधिकारियों और नेताओं के बीच तना तनी का माहौल देखने को मिलता रहता है कभी अधिकारियों के रवैये को लेकर विधायक मंत्री मुखर होते है तो कभी मंत्रियों के दबाव को लेकर अधिकारी उनके विभागों में काम न करने से मना कर देते है …… लेकिन इसबार एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमे शासन के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम ने बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार पर आरोप लगाया है कि सचिवालय के अन्दर उनके कार्यालय में अपने साथियों के साथ पहुँचकर बॉबी पवार ने उनके साथ अभद्रता व गली गलौज करने का काम किया है जिसको लेकर सचिव के द्वारा बॉबी पावर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर भी दर्ज करवाई गयी है ।

*एफआईआर के सम्बंध में कोतवाली नगर द्वारा जारी प्रेस नोट।*

*कोतवाली नगर*

आज दिनांक 06/11/2024 को श्री कपिल कुमार, वरिष्ठ निजी सचिव उत्तराखंड शासन द्वारा कोतवाली नगर में लिखित तहरीर दी गई की विश्वकर्मा भवन के कार्यालय कक्ष में बॉबी पंवार नाम के व्यक्ति द्वारा अपने 02 अन्य साथियों के साथ सचिव आवास महोदय व उनके स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करते हुए गाली- गलौच की गई तथा उन्हे डराते धमकाते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई एवं सरकारी कार्य मे बाधा डाली गई। उक्त लिखित तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली नगर में – मुकदमां अपराध संख्या 475/24 धारा 115(2), 352,351(3), 121(1), 132,221 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है। पीड़ित पक्ष का मेडिकल कराया गया है साक्ष्यों के आधार पर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी।

इस पूरे मामले में सत्यता कितनी है यह तो भगवान जाने या पुलिस प्रशासन व सरकार जाने लेकिन हुजूर आपके द्वारा जो आरोप लगाये गए है यदि वो सही है तो सचिवालय सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जिस प्रदेश में शासन के अधिकारी ही सुरक्षित नही है तो आम जन कितना सुरक्षित होगा , हुजूर यदि किसी अधिकारी के साथ ऐसे कोई व्यक्ति अभद्रता करके सचिवालय के बाहर चला जाता है तो सचिवालय की सुरक्षा में तैनात पुलिस पीएसी व गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मी क्या कर रहे थे। इन सवालों का जबाव भी जनता जानना चाहतीं है।

*कुछ तो वजह रही होगी यूँ ही कोई वेवफा नही होता।*

हुजूर और फरियादी के बीच कुछ बात तो जरूर होगी , तभी मुलाकात साढ़े 6 बजे सचिवालय में हुई होगी ,जब मुलाकात हुई होगी तो बहसबाजी में तब्दील हुई होगी , फरियादी हावी हो गया होगा तभी हुजूर को ये कदम उठाना पड़ा होगा ?

आब आप ही सच सच बताओ हुजूर आखिर क्या हुआ होगा?

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