उत्तराखंडराजनीति

अटल जी की विरासत, विकसित भारत का संकल्प विचार, सुशासन और राष्ट्रनिर्माण का संगम

राजपुर विधानसभा के अमरीक हॉल में आयोजित हुआ “अटल सुशासन सम्मेलन”, अटल विचारधारा से विकसित भारत के संकल्प पर हुआ मंथन।
“अटल सुशासन सम्मेलन” का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सुशासन, राष्ट्रनिर्माण और वैचारिक दृष्टिकोण को जन-जन तक पहुंचाना है।
कार्यक्रम में विधिवत रूप से सभी मुख्य अतिथियों के द्वारा अटल जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

सम्मेलन में अटल जी के व्यक्तित्व, उनके सुशासन मॉडल और वर्तमान सरकार के विकसित भारत के लक्ष्य पर विस्तृत चर्चा की गई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल ने “राष्ट्रनिर्माण का अटल मॉडल” विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक प्रधानमंत्री नहीं थे, बल्कि वे भारत की आत्मा को समझने वाले दूरदर्शी नेता थे। अटल जी का राष्ट्रनिर्माण का मॉडल संवाद, सहमति, लोकतांत्रिक मूल्यों और सर्वसमावेशी विकास पर आधारित था। उन्होंने कहा कि आज भी अटल जी की नीतियां और सोच देश की राजनीति को दिशा देने का काम कर रही हैं। महानगर अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार उसी अटल विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर काम कर रही है।

प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल ने अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व एवं उनकी वैचारिक यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अटल जी का जीवन सादगी, सिद्धांतों और राष्ट्रहित के प्रति समर्पण का प्रतीक था। विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन किया और सत्ता में आने पर सुशासन की मजबूत नींव रखी। अनिल गोयल ने कहा कि अटल जी की वाणी में कवि का भाव था और निर्णयों में एक मजबूत राजनेता की दृढ़ता। पोखरण परमाणु परीक्षण, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना और विदेश नीति में भारत की सशक्त पहचान अटल जी की दूरदृष्टि के उदाहरण हैं।

कार्यक्रम में राजपुर विधायक खजान दास ने “अटल जी का सुशासन एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकसित भारत का संकल्प” विषय पर प्रभावशाली वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि अटल जी ने जिस सुशासन की परिकल्पना की थी, आज प्रधानमंत्री मोदी उसी को साकार करने के लिए दिन-रात कार्य कर रहे हैं। खजान दास ने कहा कि विकसित भारत का सपना केवल आर्थिक प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक समरसता, पारदर्शी शासन, भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था और अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने का संकल्प है। उन्होंने कहा कि अटल जी की सोच और मोदी जी की कार्यशैली मिलकर भारत को 2047 तक एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रही है।

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने युवाओं से अटल जी के विचारों को अपनाने और राष्ट्रसेवा के लिए आगे आने का आह्वान किया। सम्मेलन में मौजूद कार्यकर्ताओं ने अटल जी के आदर्शों पर चलने और संगठन को मजबूत करने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम संयोजक अक्षत जैन ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और उपस्थित जनसमूह का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के वैचारिक सम्मेलन समाज में सकारात्मक सोच और राष्ट्रहित के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य करते हैं।

“अटल सुशासन सम्मेलन” न केवल अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि था, बल्कि यह कार्यक्रम उनके विचारों को वर्तमान और भविष्य के भारत से जोड़ने का एक सार्थक प्रयास साबित हुआ।
कार्यक्रम में राज्य मंत्री पुनीत मित्तल श्याम अग्रवाल भगवत प्रसाद मकवाना श्रीमती मधु भट्ट प्रदेश पदाधिकारी हरीश डोरा आशीष नागरथ कार्यक्रम संयोजक अक्षत जैन उपाध्यक्ष सुनील शर्मा ओम कक्कड़ अंबेडकर नगर मंडल प्रभारी प्रदीप कुमार उमा नरेश तिवारी साक्षी शंकर अवधेश तिवारी अंकुर जैन मंडल अध्यक्ष पंकज शर्मा पूनम शर्मा राहुल पवार व पार्षद गण व कार्यकर्ता बुद्धिजीवी वर्ग, समाजसेवी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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