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बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 में नही बचा पाई अपनी जीती हुई विधानसभा पुरोला विधायक को छोड़ सभी हारे अपना बूथ।

देहरादून, उत्तराखंड।

हाल ही में देश भर में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में जैसे तैसे भाजपा ने जीत हाँसिल कर तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार भले ही बना ली हो लेकिन बीजेपी ने जिस तरह से चुनाव की तैयारियां की थी उसके मुताबिक भाजपा को जनाधार नही मिल पाया जिसकी भारतीय जनता पार्टी अब समीक्षा कर रही है। वंही उत्तराखंड की बात करे तो उत्तराखंड में बीजेपी ने लगातार तीसरी बार प्रदेश की पांचों सीटें जीत कर एक नया रिकॉर्ड जरूर बनाया है लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव 2022 हो जिसकी तुलना में बीजेपी का मत प्रतिशत भी गिरा है जिसको लेकर पार्टी में मन्थन का दौर सुरु हो गया है ….इस चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी भले ही कमजोरी के साथ चुनाव लड़ी हो लेकिन अपना मत प्रतिशत बढ़ाने में जरूर कामयाब हुई है वंही टिहरी लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार ने कई विधानसभाओं में जीत दर्ज कर दोनों ही दलों की धड़कने बढ़ा दी है …हालांकि बीजेपी अब हारी हुई विधानसभाओं की समीक्षा कर रही है इस सम्बंध में बीजेपी प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी का कहना है कि हमारी पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2022 में 70 सीटों में से 47 सीटों पर जीत हाँसिल की थी जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में हम 60 विधानसभाओं में जीते है लेकिन उत्तरकाशी की पुरोला विधानसभा जो हम 2022 के विधानसभा चुनाव में जीते थे लेकिन इस लोकसभा चुनाव में हार गए जिसकी हम समीक्षा कर रहे है और हार के कारणों का पता लगा रहे है ।

 

आदित्य कोठारी , प्रदेश महामंत्री भाजपा

यँहा आपको बता दे पुरोला विधानसभा को जीतने के लिए भाजपा ने सभी दलों के दिग्गज नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर जीत की विसात बिछाई थी लेकिन इस विधानसभा से वर्तमान विधायक दुर्गेश्वर लाल को छोड़ कोई भी दिग्गज अपना बूथ तक नही बचा पाया जिसमे चुनाव से ठीक पहले पार्टी जॉइन करने वाले पूर्व विधायक मालचंद अपना बूथ
194 वोटों से हार गये वंही पूर्व विधायक व सरकार में दायित्वधारी राजकुमार अपना बूथ 64 वोटों से हार गये, और तो और बीजेपी के जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र राणा और पूर्व ब्लॉक प्रमुख रही उनकी पत्नी भी अपना बूथ नही बचा पाई वो भी 138 वोटों से अपना बूथ हार गये और इस विधानसभा से बीजेपी के मण्डल अध्यक्ष जगमोहन पंवार भी अपना बूथ नही बचा पाए वो भी 64 वोटों से अपना बूथ हार गए ..मजे की बात तो यह है कि इस विधानसभा सीट पर यह सभी निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार से अपना बूथ नही बचा पाए …फिर इन सभी को सरकार में दायित्व देना संगठन में पद देना किस काम का जबकि बीजेपी ने मुख्यमंत्री धामी , प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट से लेकर सभी मंत्रियों विधायको और अपने संगठन व सरकार में दायित्वधारी हो या जनप्रतिनिधियों हो सभी को अपने बूथ को जिताने का संकल्प दिलाया था।
लेकिन इस सीट पर मौजूद विधायक दुर्गेश्वर लाल जरूर अपना बूथ निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पवार से 269 वोटों से और कांग्रेस से 266 वोटों से जीत कर अपनी इज्जत बचाने में सफलता हाँसिल कर सके बाँकी सभी हारे हुए जिम्मेदार पदों पर बैठे पूर्व जनप्रतिनिधि हो या संगठन कर्ता हार के अपने अपने कारण बता कर संगठन को वर्गलाने का काम कर रहे है ।

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