उत्तराखंड, देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जब से प्रदेश की बागडोर सम्भाली है तब से मुख्यमंत्री का सरलीकरण, समाधान, व निस्तारण का मूलमंत्र रहा है, जिसका सीधा मतलब ये है कि जनता के कार्य तय समय पर सरलता से स्थानीय स्तर पर ही अधिकारी उसका निस्तारण करने का प्रयास करे उसे दर दर भटकना न पड़े लेकिन कुछ विभाग व उनके अधिकारी तीन तरह करने में इतना व्यस्त है कि उनके पास जनता के कार्य करने का समय ही नही है एक ताजा मामला मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण(mdda) का सामने आया है जिसमे मसूरी क्षेत्र में एक नक्शा पास कराने के लिए प्राधिकरण में ऑन लाईन आवेदन किया गया जिसको प्राधिकरण ने 2016 का हवाला देते हुए बिना बिचार किये ही निरस्त कर दिया प्रार्थी ने गढ़बाल कमिश्नर के यंहा अपील करते हुए शासन द्वारा जारी 2019 की उपविधि के अनुसार नक्शा पास करने की मांग की जिसपर कमिश्नर व प्राधिकरण के अध्यक्ष ने एमडीडीए को आदेशित करते हुए साफ साफ कहा है इसे 2016 के आधार पर निरस्त किया गया है जबकि लेटेस्ट 2019 की उपविधि प्रदेश में लागू है उसके आधार पर प्रार्थी के नक्शे का परीक्षण कर न्यायोचित कार्यवाई करें । यह आदेश कमिश्नर ने एमडीडीए को दिनांक 18.06.2024 को दिया था।
देखे आदेश की प्रति ।
उसके बाद भी प्रार्थी एमडीडीए के चक्कर काटता रहा लेकिन किसी ने नही सुनी तो प्रार्थी ने मुख्यमंत्री दरबार मे गुहार लगाई वँहा से शिकायती पत्र एमडीडीए उपाध्यक्ष को यथा शीघ्र प्रभावी कार्यवाई करने के निर्देश दे दिए गए यह पत्र भी 3.07.2024 को मुख्यमंत्री के यंहा से जारी हुआ लेकिन अफसोस यह है कि मुख्यमंत्री के बार बार सरलीकरण समाधान व त्वरित कार्यवाई के आदेश करने के बावजूद भी 2 माह से अधिक समय हो चुका है लेकिन एमडीडीए के पास मुख्यमंत्री के आदेश पर भी कार्यवाई करने का समय नही है मिला तो ढाई माह पहले कमिश्नर ने किए आदेश की क्या बात करें।
देखें मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी पत्र।