देहरादून।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल दौरे से वापस लौटकर देहरादून स्थित अपने आवास पर आज एक प्रेस वार्ता कर अपने भ्रमण के संबंध में पत्रकारों से जानकारी साझा की , साथी पूर्व मुख्यमंत्री ने वार्ता के दौरान कहा कि गरसेंड को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का हमें सौभाग्य प्राप्त हुआ इसके लिए मैं अपने आप को धन्य समझता हूं वही ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद और त्रिवेंद्र सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अभी तक गैर सेंड में कोई सत्र तक आहूत नहीं हुआ शायद यही वजह है कि आज पूर्व मुख्यमंत्री गढ़वाल भ्रमण के दौरान वँहा जाकर स्थानीय लोगों से मुलाकात कर विकास कार्यों का जायजा लिया है हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सरकार का खुले तौर पर विरोध नहीं किया लेकिन गैर सेंड में विकास कार्यों में तेजी को लेकर बात जरूर की साथ ही हनुमान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा की हनुमान को भी बल याद दिलाना पड़ता था इसलिए हम सरकार के कामकाज को लेकर सबाल नहीं उठा रहे हैं लेकिन जब तक बच्चा रोता नहीं तब तक माँ भी उसे दूध नहीं पिलाती है अब इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं भले ही त्रिवेंद्र सीधे-सीधे सरकार की आलोचना से बच रहे हैं लेकिन एक बात तो तय है एक गैर सेंड में सरकार के सुस्त रवैया को लेकर पूर्व सीएम ने सवाल जरूर खड़े किए हैं ।
त्रिवेंद्र सिंह रावत पूर्व सीएम उत्तराखंड