Joshimath Crisis: जमापूंजी से बनाया था घर, अब कहां बसाएंगे पता नहीं…चेहरे पर दिखी बेबसी, तस्वीरें रुला देंगी
अपना घर खाली करने के दौरान हर कोई भावुक हो रहा है। प्रभावित महिलाएं फूट-फूटकर रो रही हैं। उनका कहना है कि अपनी जमापूंजी से यह घर बनाया था अब उन्हें कहां बसाया जाएगा इसका कुछ पता नहीं। बृहस्पतिवार को घर का सामान समेटने में जुटीं मनोहर बाग वार्ड की मीना देवी ने कहा कि अपनी जमापूंजी से यह घर बनाया था इसे खाली करना पड़ रहा है।
मीना देवी कहा कि प्रशासन के लोग सिर्फ राहत शिविर में जाने के लिए कह रहे हैं। मुआवजा और नए घर के लिए जमीन के बारे में कोई कुछ बताने को राजी नहीं है। सिंहधार वार्ड में मकानों में दरारें आने से अधिकांश मकानों को खाली करवा दिया गया है। वार्ड की 67 वर्षीय भारती देवी का कहना है कि अपने खून-पसीने की कमाई से पाई-पाई इकट्ठा कर चार कमरों का मकान खड़ा किया था लेकिन अपने घर को छोड़कर कहां जाएंगे।
प्रशासन खाने और रहने की व्यवस्था कर रहा है लेकिन घर कैसे बनाएंगे इसकी चिंता सता रही है। तीन बेटे हैं और अभी तीनों बेरोजगार हैं। वहीं भारती देवी कहती हैं कि पूरी जिंदगी इसी घर पर बिताई, अब उम्र के इस पड़ाव में जाएं तो जाएं कहां। अब भगवान पर भी भरोसा नहीं रहा, भारती की व्यथा सुनकर हर किसी की आंखें नम हो रही हैं।