
देहरादून।
उत्तराखंड में पूर्व की भाँति एक बार फिर छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा हुआ है जँहा पिछली बार समाज कल्याण विभाग द्वारा करोड़ो का छात्रवृत्ति घोटाला किया गया था जिसमे कई भाजपा नेताओं के स्कूल भी शामिल थे उस समय ऐसे नेताओं व उनके सगे सम्बन्धियो पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी और कुछ स्कूल प्रबंधकों से रिकवरी करके वरी कर दिया गया था जबकि कुछ पर अभी भी रिकवरी होनी बाँकी है…..
अब समाज कल्याण में सुधार हुआ तो अल्पसंख्यक विभाग ने बाजी मार ली और गरीब बच्चों के नाम पर करोड़ो का चूना सरकार को लगाकर लग्जरी लाईफ का आनन्द ले रहे है …. इसबार अल्पसंख्यक विभाग ने करोड़ो का छात्रवृत्ति घोटाला किया है । जिसके बारे में मुख्यमंत्री धामी को जैसे ही पता चला उन्होंने सम्बंधित जिलाधिकारियों से जाँच करवाई जिसमे इस घोटाले की पुष्टि करते हुए जाँच अधिकारियों ने बाद खुलासा करते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है रुद्रप्रयाग के वासुकेदार में एक संस्कृत विद्यालय है जिसका संचालन नसीरुद्दीन नाम का व्यक्ति कर रहा है और यहाँ पर पंजीकृत बच्चे पश्चिम बंगाल के परगना-24 के रहने वाले हैं। और इसीतरह किच्छा में एक सरस्वती शिशु मंदिर है जिसको मोहम्मद शफ़ीक़ और रफ़ीक नाम के व्यक्ति संचालित कर रहे है यहाँ पर पंजीकृत बच्चे बिहार , झारखंड और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं ….ज़िलाधिकारियों ने जाँच में खुलासा करते हुए कहा है कि एक करोड़ ₹ से अधिक की छात्रवृत्ति राज्य के बाहर के छात्रों को बांट दी गई। अभी तक 17 शिक्षण संस्थानों का फर्जीवाड़ा सामने आया है, इस रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री धामी ने मामले की जाँच SIT से कराने के निर्देश दिए हैं।