उत्तराखंड रोडवेज में ड्राइवरों के साथ बस यात्रियों की जान से खिलवाड़
उत्तराखंड रोडवेज अपने ड्राइवरों के साथ ही यात्रियों की जान से भी खेल रहा है। ड्राइवर दिन-रात लगातार घंटों तक बसें चलाते हैं। 20 से 23 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं। ड्राइवरों की कमी से ऐसा करवाया जा रहा है, लेकिन यह कोताही कभी भी यात्रियों की जान पर भारी पड़ सकती है। श्रीनगर डिपो से दो सेवाएं दिल्ली और एक चंडीगढ़ के लिए चलती है।
सुबह सात से नौ बजे के बीच सेवाएं श्रीनगर से चलती हैं और अगले दिन सुबह छह से सात बजे तक वापस पहुंचती हैं। इनमें एक ही ड्राइवर की ड्यूटी रहती है। सिर्फ श्रीनगर ही नहीं, देहरादून पर्वतीय डिपो के साथ कई अन्य डिपो में भी ऐसे ही हाल हैं। दून से वाया श्रीनगर द्वाराहाट और बागेश्वर जाने वाली बसों में एक ही ड्राइवर 13 से 14 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं।
रोडवेज में संविदा और विशेष श्रेणी ड्राइवरों के लिए एक दिन में न्यूनतम 250 किमी बस चलाना जरूरी है। लेकिन श्रीनगर से दिल्ली की दूरी (आना-जाना) करीब 750 और चंडीगढ़ की 732 किमी है, ऐसे में एक ही बार में तीन ड्यूटी पूरी हो जाती है। कुछ ड्राइवर एक चक्कर लगाने के बाद दो दिन का आराम लेते हैं तो कुछ लगातार ड्यूटी करते हैं और बाद में एक साथ छुट्टी लेते हैं।