उत्तराखंडक्राइम

बहु चर्चित अंकिता हत्याकांड के दोषियों को मिली सजा, आज न्यायालय ने सुनाया फैसला।

उत्तराखंड, कोटद्वार।।

लगभग 3 वर्ष के बाद अब देश के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड पर आज कोर्ट का फैसला आ गया है. कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इस मामले पर सुनवाई के बाद आज यानी 30 मई को फैसला सुनाया है….

अंकिता भंडारी, 19 वर्षीय युवती, उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल की रहने वाली थी और अगस्त 2022 में ऋषिकेश के पास यमकेश्वर क्षेत्र में स्थित एक रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थी। यह रिज़ॉर्ट भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के स्वामित्व में था।

सितंबर 2022 में अंकिता के लापता होने की खबर आई। परिजनों और स्थानीय लोगों के दबाव में जब पुलिस ने कार्रवाई की, तो सामने आया कि यह कोई सामान्य लापता होने की घटना नहीं, बल्कि एक जघन्य हत्या थी।

बता दें कि इस मामले की सुनवाई कुल दो साल आठ महीने तक चली.इस दौरान तमाम सबूतों और गवाहों को पेश किया गया. इसमें अभियोजन पक्ष की ओर से 47 गवाह पेश किए गए. वहीं मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया, जिसने 500 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी.दरअसल, 18 सितंबर 2022 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले झूला थाना क्षेत्र के एक रिसॉर्ट में काम करने वाली अंकिता भंडारी की पुलकित आर्य,सौरभ भास्कर और अंकित ने उसकों चीला नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी थी.

हत्या की पुष्टि और गिरफ़्तारी

24 सितंबर 2022 को पुलिस ने खुलासा किया कि अंकिता की हत्या कर दी गई थी। पुलकित आर्य, रिज़ॉर्ट मैनेजर सौरभ और एक अन्य कर्मचारी अंकित गुप्ता को गिरफ़्तार किया गया। जांच में पाया गया कि अंकिता पर रिज़ॉर्ट में आने वाले वीआईपी ग्राहकों को ‘स्पेशल सर्विस’ देने का दबाव डाला जा रहा था, जिसका उसने विरोध किया। विरोध करने पर तीनों आरोपियों ने उसे ऋषिकेश के पास चीला नहर में धक्का देकर मार डाला।

जनाक्रोश और सरकार की प्रतिक्रिया

इस मामले ने राज्य ही नहीं, पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया। जनता ने सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग की। सोशल मीडिया पर ‘#JusticeForAnkita’ ट्रेंड करने लगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की त्वरित जांच का आश्वासन दिया। रिज़ॉर्ट को बुलडोज़र से ध्वस्त किया गया, जिसे लेकर कुछ लोगों ने “सबूत नष्ट करने” का आरोप भी लगाया।

जांच और न्यायिक प्रक्रिया पर सुनिए पीड़ित पक्ष के वकील का बयान।

मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा गया। अंकिता की हत्या और उत्पीड़न की जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई। मेडिकल और फॉरेंसिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अंकिता को नहर में धक्का देने से पहले प्रताड़ित किया गया था।

हालांकि, विपक्ष ने जांच पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने यह भी कहा कि अगर सरकार सच में गंभीर होती, तो केस को CBI को सौंपती।

फैसले की घड़ी

अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने 30 मई 2025 को अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य सहित तीनों आरोपियों – पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता – को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

फैसले में अदालत ने कहा कि यह अपराध केवल एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज और मानवता के विरुद्ध किया गया जघन्य कृत्य है। अंकिता पर ‘स्पेशल सर्विस’ का दबाव बनाना, प्रताड़ित करना और अंततः उसकी हत्या करना यह दर्शाता है कि किस प्रकार सत्ता और पैसे के नशे में इंसान संवेदना खो देता है।

पीड़िता के परिवार और आम जनमानस ने इस फैसले का स्वागत किया है, हालांकि कई लोग अब भी यह मांग कर रहे हैं कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए थी।

अंकिता भंडारी मर्डर केस  में न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोटद्वार द्वारा

1 अभियुक्त पुलकित आर्य को धारा 302 आईपीसी में कठोर आजीवन कारावास व ₹50000 जुर्माना धारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष कठोर कारावास 10000 रुपए जुर्माना धारा 354 ए आईपीसी में 2 वर्ष का कठोर कारावास ₹10000 जुर्माना व धारा 3(1)d आईटीपीए एक्ट में 5 वर्ष का कठोर कारावास वह ₹2000 जुर्माना की सजा सुनाई है
2 अभियुक्त सौरभ भास्कर व अभियुक्त अंकित गुप्ता को धारा 302 आईपीसी में आजीवन कठोर कारावास व 50000 रुपए जुर्माना धारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष कठोर कारावास व ₹10000 जुर्माना व3(1)d आईटीपीए एक्ट में 5 वर्ष का कठोर कारावास व ₹2000 जुर्माना की सजा सुनाई है
व 4 लाख प्रतिकर मृतका के परिजनों को देना है

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