संगीत और कला के अनोखा संगम के साथ बही योगधारा, विदेशी भी थिरके, किया योगाभ्यास
योगधारा कार्यक्रम में संगीत और कला का शानदार संगम देखने को मिला। संगीत की धुन पर जब कलाकारों ने कथक और भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी तो पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया। साथ ही सहजयोग को भी महसूस किया। सहजयोग तनाव दूर करने में कारगर है।
रविवार को सहजयोगियों के लिए योगधारा संगीत कार्यक्रम का आयोजन सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में किया गया। सहजयोग की प्रणेता निर्मला देवी के जन्मशताब्दी वर्ष के रूप में योगधारा कार्यक्रम हुआ। इसमें करीब 21 देशों के कलाकारों और संगीतज्ञों ने भाग लिया। बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल और विशिष्ट अतिथि मेयर सुनील उनियाल गामा रहे।
दून समन्वयक एमएस तोमर ने बताया कि सहजयोग विश्व में 52 वर्षों से शांति देने के लिए प्रयासरत है। उत्तराखंड सहजयोग के राज्य समन्वयक सतीश सिंघल ने बताया कि सहजयोग केंद्र विश्व के 140 से अधिक देशों में स्थापित है। सभी जाति, धर्म व संप्रदाय के लोग इसका लाभ उठा रहे हैं। स्वस्थ जीवन के लिए लोगों को योग की विशेष आवश्यकता है। कार्यक्रम में 150 लोगों को निर्मला देवी के वीडियो के माध्यम से आत्म साक्षात्कार का अनुभव कराया गया। इस मौके पर पीएस पाल, राकेश शर्मा, अरविंद मलिक, राजेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।