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अब सम्पत्ति को नुकसान पहुचाने वाले दंगाइयों की नही है खैर, उत्तराखंड में लोक एवं निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक हो गया है मंजूर। 

उत्तराखंड, देहरादून ।

अक्सर देखा गया है जब भी कोई धरना प्रदर्शन, हड़ताल करता है तो सरकारी सम्पति समेत निजी संपत्ति को कई लोग काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इसकी बानगी वनभूलपुरा- देहरादून समेत कई बार उत्तराखंड में देखने को मिली है। जब सरकारी संपत्ति के साथ निजी संपत्ति को दंगा करने वालों ने काफी नुकसान पहुंचाया लेकिन अब दंगा करने वालों की खैर नहीं है .

जी हां क्योंकि अब उत्तराखंड में दंगा-फसाद करने वाले उपद्रवियों पर नकेल कसने के लिए उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है.

आपको बता दें कि गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान सरकार ने अध्यादेश के तौर पर लागू इस कानून के लिए विधेयक पेश किया था। विधायी ने राज्यपाल की मंजूरी के लिए विधेयक को राजभवन भेजा था। इस कानून के तहत हड़ताल, दंगों, बंद और आंदोलनों में सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली की जाएगी.इसके संबंध में एक दावा अभिकरण का गठन किया जाएगा। इसमें कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी इस दावा अभिकरण में अपना दावा पेश कर सकेगा। इस दावे का निपटारा भी निश्चित समय अवधि में होगा, ताकि जल्द से जल्द नुकसान की भरपाई नुकसान करने वाले से हो सके।

इस विधेयक के तहत अगर सी आंदोलन, बंद आदि में संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है तो इसकी भरपाई संबंधित बंद या आंदोलन का आह्वान करने वाले नेता से की जाएगी। क्षतिग्रस्त संपत्ति की भरपाई के अलावा आठ लाख तक का जुर्माना और दंगा नियंत्रण पर सरकारी अमले का खर्चा भी भरेगा।

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