

उत्तराखंड,देहरादून।
उत्तराखंड में चल रहे 38वें नेशनल गेम्स को लेकर जिस तरह से राजधानी देहरादून में खिलाड़ियों के लिए रुकने, खेलने, खाने-पीने और दूसरी अन्य व्यवस्था की गयी हैं, इस तरह से राज्य के अलग-अलग जनपदों में भी खेल के लिए पूरा का पूरा इंफ्रास्ट्रक्टर खड़ा किया गया है. शानदार स्टेडियम, बैठने के लिए कुर्सियां, तीरंदाजी से लेकर फुटबॉल, बास्केटबॉल, टेबल टेनिस, जिमनास्टिक, लॉन बॉल और वो हर खेल जो नेशनल गेम्स का हिस्सा हैं, उसमें खिलाड़ी नेशनल गेम्स खत्म होने के बाद भी विश्व स्तरीय अभ्यास कर सकते हैं. पूरे राज्य में खेल के लिए लगभग 100 मैदान तैयार हुए हैं, जो यंहा के युवाओं के लिए भविष्य में वेहतर सावित होने वाले है… जिसको लेकर राज्य सरकार के अधिकारी तैयारी कर ही रहे हैं। सुनिए विशेष प्रमुख सचिव खेल का बयान
नेशनल गेम्स के दौरान जो प्रदेश भर में वेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है उसका भविष्य में कैसे उपयोग किया जाए और उसकी देख रेख की जाए इसको लेकर विशेष प्रमुख सचिव सिन्हा का मानना है कि हमारे प्रदेश की सवा करोड़ जनसंख्यया में लगभग ढाई से तीन लाख खिलाड़ी है जिन्हें हम भविष्य में निखार सकते है उससे हमारे प्रदेश के युवा भी नेशनल व इंटरनेशनल गेम्स, ओलम्पिक जैसे बड़े आयोजनों का हिस्सा बन सकते है और हमारे राज्य में भी गोल्ड मैडल, सिल्वर मैडल आदि की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकेगी।
हालांकि खेल सचिव की गेम्स समाप्ति के बाद कि यह तैयारी तो वेहतर है पर इस ओर सरकार व विभाग के अन्य अधिकारी कितना आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाते है यह भविष्य की कार्य पद्धति पर निर्भर करेगा।