देहरादून, उत्तराखंड।
9 नवंबर सन 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग हो कर उत्तराखंड एक पृथक राज्य बना था। जिसको हर वर्ष राज्य स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है सरकार किसी भी पार्टी की रही हो शासन स्तर पर राज्य स्थापना दिवस की भव्य तैयारियां की जाती है । जँहा एक ओर सरकारें अपनी उपलब्धियों का बखान करती है वंही दूसरी ओर आगामी वर्ष का एजेन्डा भी जनता के बीच रखती है जनता को बड़े बड़े सपने दिखाने का काम करती है लेकिन सवाल यह है कि जिन आंदोलनकारियों ने अपनी मूल भावनाओं के अनुरूप इस पृथक राज्य की माँग की थी उनकी माँग पूरी हो गयी या अभी भी ज्यों की त्यों है ।
सुनिए बीजेपी विधायक का बयान
9 नवम्बर को राज्य 24 वर्ष का हो रहा है जिसे लेकर मीडिया ने राज्य आंदोलनकारी व बीजेपी विधायक विनोद चमोली से सवाल किया तो विनोद चमोली ने आंदोलनकारियों की भावनाओ के अनुरूप जबाव देते हुए भरष्टाचार व सफेद पोश पर हमला बोलते हुए कहा जब 9 नवम्बर को आप देहरादून से लेकर पर्वतीय क्षेत्रो के लोगों से महिलाओं से सवाल पूंछेगे तो यही जबाव मिलेगा कि राज्य तो बना लेकिन हमें क्या मिला क्योकि इन 24 वर्षों में भले ही हमारे लोगो को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला हो जो हमें उत्तर प्रदेश में रहते हुए नही मिल पा रहा था लेकिन आज तक भरष्टाचार कंही कम नही हुआ, कार्यसंस्कृति में कोई बदलाव नही हो पाया और जिन लोगों को सरकार में प्रतिनिधित्व मिला उन नेताओं ने अपने घर भरने का ही काम किया जिन मूल भावनाओं के अनुरूप अपनो के लिए राज्य का निर्माण हुआ था उसमे राजनीतिक लोग हो अधिकारी हो या कर्मचारी हो सभी की जिम्मेदारी थी लेकिन किसी ने इस ओर नही सोचा यह सवाल अभी भी हमारे जहन में घूम रहा है ।