उत्तराखंड

धाम में ठंड बढ़ने पर पुनर्निर्माण कार्य में लगे 200 मजदूर लौटे, ITBP के 30 जवान तैनात

दिसंबर का तीसरा सप्ताह बीत गया है लेकिन अभी तक केदारनाथ की पहाड़ियां बर्फ विहीन हैं। रात को अत्यधिक पाला गिरने से कड़ाके की ठंड हो रही है जिससे पुनर्निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ठंड बढ़ने पर बीते दो सप्ताह में 200 मजदूर लौट आए हैं जबकि 150 से अधिक मजदूर धाम में पुनर्निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं।

केदारनाथ में दूसरे चरण के पुनर्निर्माण के कार्य जोरों पर है। सेना के दो चिनूक हेलीकॉप्टर अभी तक 400 टन से अधिक निर्माण सामग्री धाम पहुंचा चुके हैं लेकिन धाम में हो रही कड़ाके की ठंड मजदूरों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। तापमान सुबह 10 बजे तक माइनस में दर्ज किया जा रहा है। अपराह्न बाद धूप ढलते ही ठंड बढ़ रही है जिससे यहां काम करना तो दूर बाहर खड़ा होना मुश्किल हो रहा है। पुनर्निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्था डीडीएमए के अधिकारियों का कहना है कि केदारनाथ में ज्यादातर समय तापमान माइनस 7 से 10 डिग्री तक पहुंच रहा है। ठंड के कारण बीते दो सप्ताह में 200 मजदूर धाम से गौरीकुंड, सोनप्रयाग लौट आए हैं। 150 से अधिक मजदूर मंदाकिनी नदी किनारे दुकानों के निर्माण के साथ पुलिस स्टेशन, ईशानेश्वर मंदिर, यात्रा कंट्रोल एंड कमांड सेंटर, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट आदि कार्यों में जुटे हैं।

केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात रहेंगे आईटीबीपी के 30 जवान

केदारनाथ धाम की शीतकाल में सुरक्षा के लिए आईटीबीपी की एक प्लाटून तैनात कर दी गई है। प्लाटून में शामिल 30 जवान धाम पहुंच चुके हैं। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश पर आईटीबीपी को मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। धाम में पुलिस की एक टुकड़ी तैनात है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद मंदिर की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम के लिए गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया था।

पत्र में कहा गया था कि मंदिर के गर्भगृह की दीवारों को स्वर्णमंडित किया गया है। ऐसे में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम जरूरी हैं। सोमवार को जवान धाम पहुंच गए। जवानों के रहने व भोजन की व्यवस्था मंदिर समिति द्वारा की जा रही है। पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा भदाणे ने बताया कि धाम में पुलिस के 20 जवान तैनात हैं। संवाद

बर्फ नहीं पड़ने से सूखी ठंड हो रही है। धाम में भवन निर्माण से जुड़े कार्य प्राथमिकता से किए जा रहे हैं। कई कार्य इस माह के आखिर तक पूरे होने की उम्मीद है।
– राजविंद सिंह, सहायक अभियंता, डीडीएमए-लोनिवि गुप्तकाशी/केदारनाथ

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