

देहरादून।
उत्तराखंड में पशुओं के लिए हरे और सूखे चारे की व्यवस्था करने के लिए पशुपालन विभाग “उत्तराखंड चारा विकास नीति” लाने पर विचार कर रहा है, जिसके लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। इस योजना से पशुपालकों को पशुओं के लिए आसानी से चारा उपलब्ध हो सकेगा, साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पशुपालक चारा वृक्ष लगाकर प्रति पेड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन धनराशि भी ले सकेंगे। सब कुछ ठीक रहा है जल्द ही इस नीति को कैबिनेट में लाया जाएगा और मंजूरी पर विचार होगा।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि इस नीति के तहत उत्तराखंड में चारे की कमी को दूर करना है, जिससे उत्तराखंड की अन्य राज्यों पर चारे की निर्भरता भी दूर हो सकेगी। अभी पशुपालन विभाग ने इस पूरी योजना की रूपरेखा को अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर भी अपलोड किया है, जिसमें किसान अपनी फीडबैक भी दे सकते हैं साथ ही मंत्री बहुगुणा ने कहा है वो किसानों से इसको लेकर संवाद भी करेंगे और उनकी राय जानेंगे। जिलों में इसको लेकर जिले के सीडीओ किसानों को इस नीति के बारे में बताने का काम करेंगे और उनका फीडबैक भी लेंगे। ताकि योजना को धरातल पर उसी हिसाब से किसानों के हित को देखते हुए लागू किया जाए।
प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बनेंगे चारा बैंक
प्राकृतिक आपदा की स्थिति में चारा बैंकों को भी स्थापित किया जाएगा। श्रीनगर, चिन्यालीसौड, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा और चंपावत में चारा वितरण बैंक बनाये जाने की भी योजना है, ताकि कॉम्पैक्ट फीड ब्लाक और साइलेज को हेली सेवा के माध्यम से भी आपदाग्रस्त क्षेत्रों तक बिना रुकावट के पहुंचाया जा सके। कॉम्पैक्ट फीड और साइलेज के परिवहन पर अनुदान दिया जाएगा, जिससे पशुपालकों को दूरस्थ स्थानों पर भी समान और उचित दर में चारा उपलब्ध हो सकेगा। राज्य में दुग्ध उत्पादकों को चार रुपये प्रति किलोग्राम कैटल फीड क्रय पर अनुदान भी दिया जाएगा।
वैज्ञानिक पद्धति के साथ ही किसानों को प्रशिक्षण भी
इसके साथ ही चारे खिलाने की वैज्ञानिक पद्धति को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसके तहत चैफ कटर, नाद निर्माण और विद्युत चलित पावर ट्रिलर पर अनुदान दिया जाएगा, इसके साथ ही चारा प्रदर्शन इकाइयों के द्वारा पशुपालकों को चारा उत्पादन में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
चारा नीति से राज्य के पशुपालन एवं चारा उत्पादक संगठनों का चारा उत्पादन हेतु पर्याप्त मात्रा में फसलों के प्रमाणित बीज निशुल्क उपलब्ध कराना रहेगा ।साथ ही चारा उत्पादन पर 10 हजार रु प्रति वर्ष प्रोत्साहन राशि भी सरकार देगी इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के पशुपालकों को 75% तथा मैदानी क्षेत्रों को 25% अनुदान भी दिया जाएगा। पूरी योजना के तहत उत्तराखंड सरकार सभी पशुपालकों के विकास हेतु 244 करोड़ के निवेश को राज्य पशुधन मिशन के तहत करने जा रही है यह योजना अगले 5 वर्षों में उत्तराखंड राज्य के पशुधन में लगभग 408500 पालतू मवेशियों सहित 9768 उद्यमियों को रोजगार भी देगी इसके साथ ही प्राकृतिक आपदा की स्थिति में चारा आपूर्ति हेतु श्रीनगर गढ़वाल चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी अल्मोड़ा तथा चंपावत में चार चारा वितरण बैंकों की स्थापना भी की जाएगी साथ ही सितारगंज एवं कोटद्वार में 1000 मीटर टन क्षमता वाले कंपैक्ट फीट ब्लॉक निर्माण की स्थापना भी की जाएगी, पूरी नीति बनने के बाद जल्द ही इस योजना को आगामी कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा।