उत्तराखंड

सभी 63 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की जांच करेगा विद्युत सुरक्षा विभाग, विभाग ने टीमें की गठित

प्रदेश के 63 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की जांच विद्युत सुरक्षा विभाग करेगा। सचिव पेयजल ने इस संबंध में पत्र भेजा था, जिस पर विभाग ने टीमों का गठन कर दिया है। विद्युत सुरक्षा विभाग पहले हर प्लांट में कमियां बताएगा। पेयजल विभाग इन्हें दूर करेगा। इसके बाद विद्युत सुरक्षा विभाग दोबारा जांच करेगा और तभी सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।

चमोली के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में करंट हादसे के बाद अब पेयजल विभाग ने सभी 63 प्लांट की जांच शुरू करा दी है। विद्युत सुरक्षा विभाग ने सभी प्लांट की जांच के लिए टीमें बना दी हैं। सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की सुरक्षा विभाग पहले करंट से सुरक्षा उपायों की जांच करेगा। विभाग की रिपोर्ट आने के बाद हम सभी कमियां जल्द से जल्द दूर करेंगे। इसके बाद विद्युत सुरक्षा विभाग दोबारा जांच करेगा। तभी सर्टिफिकेट जारी करेगा। ये सर्टिफिकेट ही उस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की सुरक्षा का पैमाना माना जाएगा।

गंगा, सहायक नदियों के नालों के लिए बने हैं छोटे प्लांट
नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को स्वच्छ अविरल रखने के लिए इसकी सहायक नदियों में गिर रहे नालों पर भी छोटे-छोटे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए थे। यह प्लांट बेहद छोटी क्षमता के हैं। चमोली के जिस प्लांट में हादसा हुआ है, वह भी 24 घंटे में से करीब तीन घंटे चलाकर ही काम पूरा कर देता था। ऐसे 17 प्लांट की जिम्मेदारी एक ही कंपनी संभाल रही थी।जिम्मेदारी कंपनी की थी लेकिन अनदेखी विभाग की भी
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने वाली कंपनी की ही जिम्मेदारी थी कि वह 15 साल तक इसका संचालन करे। कंपनियों ने ये काम भी किया लेकिन इसमें लापरवाही बरती गई। कम वेतन पर अयोग्य कर्मचारी रखकर प्लांट चलाए जा रहे थे। जल संस्थान या पेयजल निगम के इंजीनियरों की जिम्मेदारी ये है कि वह अपने क्षेत्र के प्लांट का सुपरविजन करें। माना जा रहा है कि विभागीय स्तर पर इस मामले में अनदेखी हुई है।सभी प्लांट के साथ ही अपने ट्रांसफार्मर भी चेक करेगा यूपीसीएल

उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) प्रदेश में नमामि गंगे परियोजना व अन्य सभी परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही अपने ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा जांच भी करेगा। मंगलवार को मुख्य अभियंता गढ़वाल एमआर आर्य ने सभी अधीक्षण अभियंताओं को इस संबंध में पत्र भेजा है।

यूपीसीएल के मुख्य अभियंता एमआर आर्य के निर्देशों के मुताबिक, मुख्य सचिव ने अपने आदेश में सभी कार्यालयों व महत्वपूर्ण संस्थानों में विद्युत सुरक्षा संबंधी उपाय का परीक्षण कर प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने को कहा है। इसके अंतर्गत नमामि गंगे परियोजना व अन्य सभी परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। यह देखा जाएगा कि वीसीबी, एमसीसीबी प्रोटेक्शन उपकरण सही प्रकार से काम कर रहे हैं या नहीं।

किसी भी प्रतिष्ठान में विद्युत सुरक्षा में लापरवाही नजर आने पर संबंधित विभाग को नोटिस जारी किया जाएगा, जिसकी प्रति विद्युत सुरक्षा विभाग को भी भेजी जाएगी। इसके अलावा सभी ट्रांसफार्मर की फेंसिंग, केबल ड्रेसिंग, अर्थिंग चेक की जाएगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि केबल में किसी प्रकार का ज्वाइंट न हो। एलटी केबल ट्रांसफार्मर की एलटी बुशिंग पर एलयूजी से लगी हो। साथ ही एचटी, एलटी फ्यूज सही लगे हों, जिससे किसी भी दुर्घटना की आशंका न रहे।

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