उत्तराखंड

सेटेलाइट से सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से बचाएंगे, सभी विभागों की बनेगी अलग इन्वेंट्री

सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से बचाने के लिए हर विभाग की अपनी इन्वेंट्री बन रही है। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र की मदद से ये काम किया जा रहा है। सेटेलाइट की मदद से जमीनों पर होने वाले हर कब्जे की पहचान आसान हो जाएगी।

सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे आम हैं। राज्य सरकार इसके लिए एक कानून भी लेकर आ रही है। इससे पहले शासन स्तर पर एक कमेटी का गठन राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अगुवाई में हो चुका है। सरकारी जमीनों पर कब्जों की पहचान के लिए सभी सरकारी विभागों की जीआईएस इन्वेंट्री तैयार की जा रही है।

उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र की मदद से सेटेलाइट इमेजिंग का काम भी शुरू हो चुका है। आने वाले समय में हर विभाग की जमीनों का जीआईएस आधारित खाका होगा, जिसमें होने वाली हर हलचल की जानकारी आसानी से पता चल सकेगी। हर तिमाही में 25 सेंटीमीटर तक का सेटेलाइट इमेज लेकर ये पता चलेगा कि किस सरकारी विभाग की जमीन पर कितना कब्जा हुआ है।

कब्जे की सूचना पर पहुंचेगी टीम

इन्वेंट्री का काम पूरा होने के बाद अगर किसी भी सरकारी जमीन पर कोई अवैध कब्जा होगा तो सॉफ्टवेयर की मदद से उसकी जानकारी मिलेगी। जहां भी जानकारी मिलेगी, वहां उस विभाग की टीम को तत्काल भेजा जाएगा। यह टीम अवैध कब्जे को मुक्त कराने के बाद सीधे उसी सॉफ्टवेयर के माध्यम से जानकारी अपडेट करेगी। इससे अवैध कब्जों और उनके हटाने की प्रक्रिया पर भी बारीक नजर रखी जा सकेगी।

विभागों के स्तर से इन्वेंट्री बनाने का काम चल रहा है। यूसैक के माध्यम से जमीनों की सेटेलाइज इमेजिंग शुरू कर दी गई है। जल्द ही इसका सॉफ्टवेयर भी तैयार हो जाएगा जो कि जमीनों पर होने वाले अतिक्रमण की जानकारी देगा।
– नितिका खंडेलवाल, निदेशक, आईटीडीए व यूसैक

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