देहरादून।
उत्तराखंड विधानसभा में हुई बैक डोर भर्ती मामले को लेकर कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की गई कार्रवाई के बाद तत्कालीन विधानसभा अध्यक्षों पर भी कर्यवाई की माँग जोर सोर से उठने लगी है।
इस संबंध में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मथुरा दत्त जोशी ने धामी सरकार व भारतीय जनता पार्टी पर प्रलोभन लालच में आकर नौकरियां देने वाले तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल पर कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि नौकरियां प्राप्त करने वाले से बड़ा अवैध तरीके से नौकरियां देने वाला होता है हालांकि हमारी सरकार के समय गोविंद सिंह कुंजवाल भी विधानसभा अध्यक्ष रहे और उनके द्वारा भी इसी तरह बैकडोर भर्तियां की गई थी लेकिन उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इस कृत्य के लिए जनता से माफी भी मांगी और जनता ने भी उनको सबक सिखाते हुए चुनाव हरा कर घर पर बैठाने का काम कर दिया लेकिन वर्तमान सरकार में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री जैसे हम पद पर बैठे तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल पर सुचिता की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी व मुख्यमंत्री धामी कार्रवाई कब करेंगे।
मथुरादत्त जोशी,प्रदेश महामंत्री कांग्रेस।
वही इस पूरे मामले को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता वरिष्ठ नेता सुरेश जोशी ने भी नैतिकता व सुचिता की बात करते हुए कहा कि सामाजिक क्षेत्र में कार्य करते हुए सुचिता नैतिकता को समाज ही देखता है अगर उसका आप परिचय देते हैं तो समाज आपको आदर्श मानकर प्रभावित करता है जो विधानसभा का मामला है उसके संबंध में भी पूर्व अध्यक्षों को ही पता है कि उनका यह फैसला कितना सही है और कितना गलत है उन्हें भी पता है और यह निर्णय भी उन्हीं लोगों को लेना है। लेकिन वर्तमान अध्यक्षा के द्वारा कहा भी गया है कि इससे पहले की भर्तियों की भी जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी लेकिन यह निर्णय उन लोगों को अपनी आत्मा की आवाज से लेना चाहिए रही बात संगठन और सरकार की तो पार्टी के स्तर पर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट व सरकार के स्तर पर मुख्यमंत्री धामी को निर्णय लेना है ।
सुरेश जोशी, मुख्य प्रवक्ता भाजपा
यहां आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी सुचिता व नैतिकता की बात करती है और बीजेपी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने इससे पहले इसका उदाहरण भी पेश किया है चांहे हवाला काण्ड में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी हो या गोधरा कांड में अमित शाह पर आरोप लगने पर उन्होंने भी नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दिया था। अब सवाल यह है कि उत्तराखंड में भी भारतीय जनता पार्टी अपने कैबिनेट मंत्री का नैतिकता के आधार पर इस्तीफा लेती है या नैतिकता के आधार पर प्रेमचंद अग्रवाल मंत्रिपद से स्वयं इस्तीफा देते है तो एक आदर्श नेता के रूप में प्रदेश की जनता उनकी वाह वाही करेंगे और फिर कांग्रेस भी अपने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य पर कर्यवाई करने को मजबूर होगी क्योंकि आर्य भी पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं और उनके द्वारा भी बैक डोर भर्तियां की गई थी।