लुप्त होने वाला है जोशीमठ? क्या कहती है बदरीनाथ के बारे में यह किंवदंती; मूर्ति से जुड़ी ‘भविष्यवाणी’
उत्तराखंड के जोशीमठ में भूधंसाव की वजह से लोगों की जान पर बनी हुई है। 500 से ज्यादा घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आई गई हैं। लोग डर के साए में हैं और रातभर जागकर सड़कों पर रात बिता रहे हैं। बुधवार रात लोगों ने मशाल रैली निकाली। जोशीमठ में हैरान करने वाली घटनाएं हो रही हैं। सड़कें धंसने के बाद वहां से पानी की धार निकल रही है। पानी की धार भी डराने वाली। पानी के साथ मिट्टी आ रही है जो कि डर और बढ़ रही है। बताया जा रहा कि कई जगहों पर बिजली के खंभे टेढ़े हो गए हैं। ऐसा लग रहा है कि पहाड़ नीचे की ओर धंस रहा है। खतरे को देखते हुए पांच परिवारों को नगर पालिका गेस्ट हाउस में शिफ्ट किया गया है।
जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव को लेकर एक किंवदंती से भी जोड़कर देख रहे हैं। दरअसल जोशीमठ में ही बदरीनाथ मंदिर है। जनश्रुतियों में कहा जाता है कि यहां एक नृसिंह देवता का मंदिर है जो कि इस जगह की भविष्यवाणी करता है। चमोली जिले के जोशीमठ में स्थित मंदिर में नृसिंह भगवान की दाहिनी भुजा के लगातार पतली होने का दावा किया जाता है और कहा जाता है कि जब यह बांह कटकर गिर जाएगी तो बदरीनाथ धाम लुप्त हो जाएगा। दावा किया जाता है कि इस मूर्ति में लगातार बदलाव हो रहा है। दावा केदराखंड के सनत कुमार संहिता के मुताबिक किया जाता है कि एक दिन बदरीनाथ धाम लुप्त हो जाएगा।