उत्तराखंड

पर्यटन को लेकर देशभर में छाया उत्तराखंड, चारधाम और कांवड़ यात्रा में बना नया रिकॉर्ड

तीर्थाटन और पर्यटन के क्षेत्र में साल 2022 उत्तराखंड के लिए अच्छा साबित हुआ। चारधाम और कांवड़ यात्रा में इस बार प्रदेश के पर्यटन ने फर्राटा भरा। कोरोना के बाद फिर से शुरू हुई दोनों ही यात्राएं चरम पर रहीं। वहीं दो नए रिकॉर्ड भी बने। चलिए जानते हैं कैसा रहा दोनों यात्राओं में उत्तराखंड का सफर…

कांवड़ मेले में 3.82 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी 
2022 की सबसे बड़ी उपलब्धि शांतिपूर्ण कांवड़ मेला का समापन रहा। कांवड़ मेला कोरोनाकाल के दो साल बाद हुआ और तीन करोड़ 82 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं की रिकार्ड भीड़ से हरिद्वार के व्यवसाय को बूस्टर डोज मिली। चारधाम यात्रा ने भी हरिद्वार के होटल और ट्रैवलर्स व्यवसाय को पटरी पर दौड़ा दिया।

हरिद्वार की पूरी अर्थव्यवस्था श्रद्धालुओं पर निर्भर है। कोरोनाकाल में हरिद्वार में व्यवसायियों के कर्मचारियों का वेतन तो दूर बिजली-पानी के बिल और बच्चों की स्कूल फीस देने के लाले पड़ गए थे। कोरोना का कहर कम हुआ, लेकिन पाबंदियों से श्रद्धालुओं की संख्या नहीं बढ़ी। लेकिन 14 जुलाई से 27 जुलाई तक हुए कांवड़ मेले से हरिद्वार के व्यवसाय को बूस्टर डोज दी। उत्तर भारत के कई राज्यों से तीन करोड़ 82 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और गंगाजल लेकर गंतव्यों को रवाना हुए। एतिहासिक भीड़ के बाद भी मेले में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। पुलिस और मेला प्रशासन ने बखूबी मेले को संपन्न कराया।

चारों धामों में करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे

कोरोनाकाल के दो साल बाद बिना बंदिशों के चली चारधाम यात्रा ने इस साल नया रिकॉर्ड बनाया है। पहली बार चारों धामों में करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का इस साल समापन हो गया था। बता दें कि इस बार बदरीनाथ धाम 17 लाख 60 हजार 646 श्रद्धालु पहुंचे। वहीं, रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्री गंगोत्री धाम पहुंचे। इस बार धाम में 624451 तीर्थ यात्री पहुंचे जबकि यमुनोत्री धाम में 485635 तीर्थ यात्रों दर्शनों के लिए पहुंचे। इस वर्ष केदारनाथ यात्रा में रिकॉर्ड 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं। जबकि यात्रा से 211 करोड़ का कारोबार हुआ है।

बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों के बीच 281 लोगों की मौत
चारधाम यात्रा के दौरान सरकार की ओर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों के बीच विभिन्न कारणों से 281 श्रद्धालुओं की मौत भी हुई। यात्राकाल में स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्गों में नौ स्थानों पर हेल्थ स्क्रीनिंग शुरू की थी। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड और ऑक्सीजन की कमी से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को देखते हुए 30 डॉक्टरों को उपचार के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा हृदय रोगियों के लिए 12 डाक्टरों को कॉर्डियोलॉजी ट्रेनिंग देकर तैनात किया गया था।

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