उत्तराखंड

VDO भर्ती के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले 1 आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

8 फरवरी को थाना नेहरू कॉलोनी देहरादून पर वादी रविंद्र सिंह राणा पुत्र बालम सिंह राणा निवासी भंकोली थाना कोतवाली जिला उत्तरकाशी के द्वारा एक अभियोग दर्ज कराया कि वर्ष 2021 में मेरी पहचान नरेश पुत्र सुरेंद्र दत्त निवासी जाखड़ीधार थाना कोतवाली टिहरी गढवाल जिला टिहरी गढ़वाल ,उम्र 30 वर्ष। हाल पता-लैब असिस्टेंट सीएचसी सहसपुर जनपद देहरादून से हुई।

जिसके द्वारा मुझे बताया गया कि कल्पना पाल पत्नी रविशंकर निवासी सुंदरवाला थाना रायपुर देहरादून जो अपनी एक जाॅब कंसलटेंसी एनजीओ चलाती है। उसकी अच्छी जान-पहचान है तथा वह आने वाली बीडीओ/बीपीडीओ की भर्ती में तुम्हें भर्ती करा सकती है। इसके लिये तुम्हें 15 लाख रू. देने होंगे। जिसमें से 3 लाख रू. एडवांस के तौर पर देने होंगे शेष रकम भर्ती होने के बाद देनी होगी। जिस पर मैं उनके बहकावे में आ गया और मेरे द्वारा नेहरू कालोनी क्षेत्र में कल्पना पाल को नरेश के माध्यम से 3 लाख रू. एडवांस के तौर पर नगद दे दिये।

किन्तु जब परीक्षा का परिणाम आया और मेरा चयन नहीं हुआ तो मेरे द्वारा पैसा वापस मांगने पर उन्होंने मेरी नौकरी किसी अन्य विभाग में लगाने का भरोसा दिलाया। वादी द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर थाना नेहरू कालोनी में मु0अ0सं0: 55/23 धारा: 420 भादवि का अभियोग पंजीकृत किया गया। अभियोग के अनावरण तथा आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु थानाध्यक्ष नेहरू कालोनी के नेतृत्व में तत्काल एक टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा अभियोग में नामजद आरोपी नरेश कुमार उपरोक्त को सहसपुर थानाक्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। जिसे समय से मां0 न्यायालय के समक्ष पेश किया जायेगा।

पूछताछ में आरोपी नरेश द्वारा बताया गया कि मैं वर्तमान में सीएचसी सहसपुर में संविदाकर्मी के रूप में कार्यरत हूँ। पूर्व में मैं उज्ज्वल जीवन समिति नाम से एक एनजीओ चलाता था। इसी दौरान मेरी मुलाकात कल्पना से हुई जो एक जाॅब कन्सलटेंसी एनजीओ चलाती है तथा एनजीओ के माध्यम से फैक्ट्रियों के लिये लेबर उपलब्ध कराती थी। चूंकि कल्पना को जाॅब कन्सलटेंसी का अच्छा अनुभव था। इसी का फायदा उठाते हुए हम लोगों से अपनी ऊंची जान-पहचान होने की झूठी बातें बोलकर उन्हें अपने झांसे में ले लेते थे तथा नौकरी लगाने के एवज में उनसे अच्छी खासी रकम ऐंठ लेते थे।
जिसमें से कुछ पैसा हम एडवांस के तौर पर ले लेते हैं। और यदि परीक्षा में उक्त व्यक्ति का स्वत: ही चयन हो जाता तो हम उससे बाकी के तय किये हुए पैसे भी ले लेते है। यदि उक्त व्यक्ति का परीक्षा में चयन नहीं होता है तो हम उनसे धीरे – धीरे उनके पैसे वापस करने या किसी अन्य परीक्षा में उनका चयन करावाने का झूठा वादा करते रहते हैं। कुछ समय पूर्व पुलिस कांन्सटेबल की भर्ती के दौरान विकासनगर से जयवीर नाम के एक व्यक्ति का मुझे फोन आया था। जिसके द्वारा हमसे उसे पुलिस में भर्ती कराने की बात कही गयी जिसके लिये वो दो लाख रू. एडवांस देने को भी तैयार हो गया था।
हमारे द्वारा उससे टोकन मनी भेजने की बात कही गयी, जिसकी रिकार्डिंग उसके द्वारा वायरल कर दी गयी थी। हमें पुलिस भर्ती अथवा किसी अन्य विभाग की भर्ती के सम्बन्ध में किसी प्रकार की कोई भी जानकारी नहीं है और न ही हमारी किसी भी अधिकारी से कोई जान पहचान है। हम केवल अपनी झूठी पहचान का हवाला देते हुए लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते हैं। इसी तरह हमारे द्वारा अब तक लगभग 4 से 5 लोगों से करीब 18 लाख रू. की ठगी की गयी है। मेरी साथी कल्पना का अभी कुछ दिन पूर्व ही बेटा हुआ है तथा वर्तमान में वह अस्पताल में भर्ती है।

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