जियो टैग तकनीक से तैयार रिपोर्ट बताएगी भोपालपानी पुल की खामियां, इसके बाद शुरू होगा काम
देहरादून से थानो, जौलीग्रांट एयरपोर्ट को जोड़ने वाले बेहद महत्वपूर्ण भोपालपानी पुल का मरम्मत कार्य फिलहाल तकनीकी जांच के फेर में लटक गया है। अब सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) के विशेषज्ञ जियो टैग तकनीक से पुल की जांच करेंगे। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पुल पर मरम्मत कार्य शुरू हो पाएगा।
पीडब्ल्यूडी राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार ने बताया कि सीआरआरआई के विशेषज्ञों की टीम ने पिछले दिनों भोपालपानी पुल का निरीक्षण करने के साथ ही कुछ दस्तावेज मांगे थे। दस्तावेजों के साथ ही पुल की जांच के बाद विशेषज्ञों की टीम नई दिल्ली लौट गई। अब टीम की ओर से इस जांच की रिपोर्ट के साथ ही विस्तृत जांच के लिए अलग से प्रस्ताव भेजा जाना है। जिसमें जांच का पूरा खर्च भी बताया जाएगा। यह पैसा जमा करने के बाद ही सीआरआरआई के विशेषज्ञ अपनी जांच पूरी करेंगे। फिलहाल उनके प्रस्ताव का इंतजार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जियो टैग तकनीक से जांच के बाद ही पता चलेगा कि पुल के डिजाइन के साथ निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में क्या खामियां रहीं।दूसरी ओर विभागीय इंजीनियरों में इस बात की चर्चा है कि जिस तरीके से सीआरआरआई के विशेषज्ञों की टीम जांच कर रही है उसे देखते हुए तो नहीं लगता कि भोपालपानी पुल का निर्माण तीन माह के भीतर पूरा हो पाएगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले माह भोपालपानी पुल की एप्रोच रोड की दीवार के साथ एक हिस्सा पूरी तरह धराशाई हो गया था। जिसके बाद से ही भोपालपानी पुल पर यातायात पूरी तरह ठप है। पुल के पास ही सर्विस लेन बनाकर यातायात को गुजारा जा रहा है।