देहरादून।
हरिद्वार पंचायत चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के द्वारा परोसी गयी शराब पीने से अब तक 10 लोगो की मौत हो गयी है हालाँकि सरकार की ओर से मामले की जाँच करवाई जा रही है इसके साथ ही कई जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों पर कर्यवाई भी की गई है अब इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलना सुरु कर दिया है इस सम्बंध में प्रदेश कांग्रेस के निवर्तमान मीडिया प्रभारी एवं वरिष्ठ मीडिया पैनलिस्ट राजीव महर्षि ने हरिद्वार जनपद में जहरीली शराब पीने से मारे गये लोगों के प्रति गहरा शोक प्रकट करते हुए इस प्रकरण को देवभूमि उत्ताखण्ड के लिए दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
महर्षि ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा सरकार जब सत्ता में आती है तब शराब माफिया हावी हो जाते है और देवभूमि उत्तराखण्ड में घर-घर शराब पहुंचाने का काम करती है। इससे पहले रूड़की, देहरादून और अब हरिद्वार की घटना उसी का नतीजा है जिसमें अभी तक 10 से अधिक लोगों ने अपनी जांन गंवा दी है तथा मौतों का सिलसिला अनवरत जारी है। उहोंने हरिद्वार में हुए जहीरली शराब प्रकारण को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य सरकार की आबकारी नीति पूर्ण रूप से शराब माफिया को संरक्षण देने, शराब की तस्करी को बढ़ावा देने तथा उत्तराखण्ड के हर घर तक शराब पहुंचाने वाली है। उन्होंने कहा कि रूड़की, देहरादून और हरिद्वार में हुए जहरीली शराब प्रकरणों में राजनैतिक लोगों व विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता इसका जीता जागता प्रमाण है।
राजीव महर्षि ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की जनता से वायदा किया था कि प्रदेश में पूर्ण शराब बन्दी लागू की जायेगी, परन्तु इसके विपरीत मातृशक्ति का अपमान करते हुए जिस शराब नीति को प्रदेश में लगातार लागू किया गया उससे प्रदेश में शराब माफिया और शराब की तस्करी को बल मिला है। राज्य में भाजपा नेताओं व आबकारी विभाग की मिली भगत से जहरीली शराब का गोरख धन्धा लम्बे समय से फलफूल रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने रूड़की और देहरादून में हुए जहरीली शराब प्रकरणों से सीख नहीं ली जिसकी परिणति हरिद्वार में हुए जहरीली शराब काण्ड के रूप में हुई। राज्य में घटित जहरीली शराब के प्रकरण सरकार व आबकारी विभाग के संरक्षण में चल रहे अवैध शराब के गोरख धन्धे का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हरिद्वार में हुए जहरीली शराब काण्ड के लिए छोटे अधिकारियों पर गाज गिराई जा रही है तथा बडे अधिकारियों और बडे गुनहगारों को बचाया जा रहा है क्योंकि इस मामले में आबकारी विभाग के बडे जिम्मेदार अधिकारियों पर अभी तक कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूर्व से ही कहती आ रही है कि भाजपा सरकार का शराब माफियाओं से गठजोड उत्तराखण्ड राज्य में घर-घर शराब पहुंचाने का काम कर रहा है।
कांग्रेस मीडिया पैनलिस्ट राजीव महर्षि ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरिद्वार में हुए जहरीली शराब काण्ड में उत्तराखण्ड सरकार संवेदनहीन बनी हुई हैं। 2019 में रूड़की, सहारनपुर व देहरादून में हुए जहरीली शराब काण्ड से सरकार ने सबक लेकर अवैध शराब कारोबार पर कार्रवाई की होती तो आज हरिद्वार में इतना बड़ा जन संहार नहीं होता। उन्होने कहा कि आबकारी विभाग स्वयं मुख्यमंत्री ने अपने पास रखा है। राज्य सरकार व आबकारी विभाग के संरक्षण में लम्बे समय से फल-फूल रहे अवैध शराब कारोबार की जानकारी विभागीय अधिकारियों को होने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जाती है जिसका खामियाजा गरीब जनता को भुगतना पडता है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार शराब प्रकरण के लिए जिम्मेदार आबकारी विभाग के उच्च अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए तथा मृतकों के आश्रितों को उचित मुआबजा दिया जाय।