उत्तराखंड

राज्य लोक सेवा आयोग को भारी पड़ी चूक, बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद ही हुई धांधली

समूह-ग भर्तियों की बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद आयोग के ही अधिकारी के पेपर लीक करने को आयोग की भी बड़ी चूक माना जा रहा है। परीक्षाओं से जुड़े विशेषज्ञ और उम्मीदवार लगातार आयोग से अपने कर्मियों की भी पहले ही जांच पड़ताल की मांग कर रहे थे।

राज्य लोक सेवा आयोग को पिछले साल सितंबर में समूह-ग की 23 भर्तियां मिली थीं। इसी महीने आयोग ने इनका भर्ती कैलेंडर भी जारी कर दिया था। इसी हिसाब से आयोग ने विज्ञापन जारी करने शुरू किए। आयोग अभी तक छह भर्तियों के विज्ञापन जारी कर चुका है, जिनमें से पुलिस कांस्टेबल कराई जा चुकी है। पटवारी-लेखपाल रद्द हो चुकी है। इस जिम्मेदारी से पहले कई उम्मीदवारों और परीक्षाओं के विशेषज्ञों ने आयोग को पत्र भेजकर अपने कर्मियों, अफसरों के विभाग बदलने और उनकी जांच पड़ताल करने की मांग की थी।

ताकि, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तरह राज्य लोक सेवा आयोग में कोई कर्मचारी गड़बड़ी न कर दे। इसके बावजूद अति गोपन विभाग में संजीव चतुर्वेदी जमा रहा। नतीजा पेपर लीक के तौर पर सामने आया। परीक्षाओं से जुड़े रहने वाले राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान का कहना है कि आयोग को अभी भी अपने सभी कर्मियों की जांच पड़ताल के साथ ही विभागों में बदलाव की जरूरत है।

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