उत्तराखंड सरकार के कृषि मंत्री सदन में प्राकृतिक व ऑर्गेनिक खेती का अन्तर बताने में रहे फेल,वंही संसदीय कार्यमंत्री का संसदीय भाषा से नही कोई मेल।


उत्तराखंड, सरकार।
आज उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान सदन में दो मंत्रियों ने धामी सरकार की लुटिया डुबोदी जिसमे कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अपने विभाग से सम्बंधित सबाल को ही नही परिभाषित कर पाए जिसको सदन में ही सभापति ने स्थगित कर दिया इससे सरकार के मंत्री की बड़ी फजीहत हुई, हालांकि यह ठीकरा भी कृषि विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए मंत्री ने अपना पल्ला झाड़ने का काम किया।
वंही दूसरी घटना की बात करें तो आज संसदीय कार्यमंत्री व प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में विपक्ष के सवालों का जबाव देते हुए इसे आक्रामक हो गए कि सदन की संसदीय भाषा को कायम रखना ही भूल गए और मैदान पहाड़ की खाई को पाटने के बाजय और गहरा करबे का काम अपनी उत्तेजना में ओर बैठे ,हालांकि बाद में संसदीय कार्यमंत्री ने सदन में ही अपना उत्तराखण्डी प्रेम व आन्दोलन का जिक्र करते हुए अपने बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की बात करते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश की पर सोशल मीडिया पर संसदीय कार्यमंत्री व सरकार की फजीहत को रोक नही पाए।।