देहरादून।
भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा बेहतर कार्य करने वाले चिकित्सालयों को उत्कृष्ट सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जिसमें 100 बेड से कम क्षमता वाले निजी अस्पतालों में राजधानी देहरादून के कृष्णा मेडिकल सेंटर को भी सम्मिलित किया गया है जिसको लेकर आज अस्पताल के इंचार्ज डॉक्टर सिद्धान्त खन्ना के द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रेस क्लब में आयोजन किया गया जिसमें अपने बेटे व अपने व्यापार का संरक्षण करने प्रेस क्लब पहुँची बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा डॉ गीता खन्ना ने अपने बेटे का संरक्षण करते हुए अस्पताल की उपलब्धियों का बखान किया और अपने अस्पताल के द्वारा दी जा रही सुबिधाओं के बारे में जम कर कसीदे पढ़ती नजर आयी । हालाँकि इससे भी कोई फर्क नही पड़ता कि आयोग की अध्यक्षा अपने व्यापार को बढ़ावा नही दे सकती लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि इस समय डॉ गीता खन्ना एक अस्पताल संचालिका न हो कर बल्कि आयोग की अध्यक्षा है उन्हें सरकार के द्वारा जो भी सुबिधाए दी गयी है वह सब आयोग के कार्यो के लिए दी गयी है न कि उन्हें अपने बेटे व व्यापार को बढ़ावा देने के लिए लाखों रुपये की गाड़ी , उसका डीजल, ड्राइवर, गनर, टीए डीए आदि दिया जा रहा है ।
यँहा आप को बता दे कि डॉ गीता खन्ना को बाल संरक्षण आयोग का अध्यक्षा 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बनाया गया था यह संवैधानिक पद होता है अभी तक इस पद पर बने हुए उन्हें लगभग 8 महीने हो चुके है लेकिन बाल संरक्षण आयोग में उनके द्वारा अभी तक क्या कार्य किये गए उनके अध्यक्ष बनने के बाद क्या परिवर्तन हुए है ।
बाल मजदूरी, 18 साल से कम उम्र के बालक बालिकाओं में नशे की ओर बढ़ते कदम को लेकर आयोग ने क्या कार्य किये बाल संरक्षण को लेकर आयोग कितना जागरूक हो गया …आदि इन सब बातों और उनके बनने के बाद शायद ही ऐसा कभी हुआ हो कि उन्होंने कोई प्रेस वार्ता कर आयोग में अपने कार्य की उपलब्धियों का बखान किया हो लेकिन आज जब अपने बेटे और अपने अस्पताल की उपलब्धियां गिनानी थी तो अध्यक्षा बिना देर किए समय से सरकारी गाड़ी सरकारी गनर आदि के साथ हनक से प्रेस वार्ता में पहुँची और अपने बेटे का संरक्षण करते हुए अपनी और अपने बेटे अपने अस्पताल की प्रशंसा करती नजर आयीं।