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Udhamsingh Nagar: नदी में मिले तीन मानव पैर, मच गया हड़कंप, दोहरे हत्‍याकांड की ओर इशारा

केलाखेड़ा-रंपुरा काजी गांव से होकर बहने वाली बौर नदी में तीन मानव पैर मिलने के बाद वारदात के पर्दाफाश के लिए पुलिस-प्रशासन की टीम घटना स्थल पर जमी हुई है। शरीर के अन्य अवशेष बरामद करने के लिए सर्च अभियान जारी है। कुछ और मांस के टुकड़े मिले हैं, लेकिन वह किसके हैं, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

 

वहीं रम्पुरा काजी गांव में बेटी के ससुराल आए नानकमत्ता के गिद्धौर निवासी गुरमीत सिंह के लापता होने का मामला सामने आया है। माना जा रहा है बरामद तीसरा पैर गुरमीत का हो सकता है। खास बात ये है कि गुरमीत सिंह के बेटी की शादी लापता जोगिंदरो बाई के भतीजे के बेटे के साथ हुई है। बहरहाल डीएनए रिपोर्ट का इंतजार है। पुलिस कुछ संदिग्ध करीबियों को उठाकर उनसे पूछताछ कर रही है। जल्द ही मामले का पर्दाफाश किया जा सकता है।

नदी के पास ग्रामीण को दिखी सलवार

बुधवार सुबह रंपुरा काजी गांव से होकर बहने वाली बौर नदी के पास ग्रामीण को सलवार दिखी। सूचना पर केलाखेड़ा थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो नदी से तीन पैर बरामद हुए। हालात दोहरे हत्याकांड की ओर इशारा कर रहे थे। जिसके बाद मौके पर एसओजी, जल पुलिस, डाग स्क्वाड, फरेंसिक टीम समेत आसपास के थाना क्षेत्रों से पुलिस बुला ली गई। दो पैरों की पहचान लापता जोगिंदरो बाई के रूप में हुई।

इसके बाद पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव की खोजबीन शुरू की, लेकिन देर शाम तक कोई सुराग नहीं मिला। गुरुवार सुबह अवशेष ढूढंने के लिए पुन: सर्च अभियान चलाया गया। इस दौरान नानकमत्ता के गिद्धौर निवासी गुरमीत सिंह के लापता होने खबर उसके बेटों ने पुलिस को दी। बताया कि उसके पिता पिछले कई दिनों से इसी गांव में अपने समधी जोगिंदर के घर रह रहे थे।

 

गुरमीत सिंह का हो सकता है तीसरा पैर

जोगिंदर सिंह रिश्ते में जोगिंदरो बाई का भतीजा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि तीसरा पैर गुरमीत सिंह का हो सकता है। वहीं गदरपुर, केलाखेड़ा थाना अध्यक्ष, एसओजी काशीपुर व महिला-पुरुष पीएसी के साथ जल पुलिस के जवानों ने बौर नदी के आंतरिक व बाहरी क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया। जिसमें नदी के अंदर से कुछ मांस के टुकड़े बरामद हुए हैं। हालांकि उनकी पुष्टि नहीं हो सकी है। विगत दिवस बरामद पैरों के साथ मिले अन्य मांस के टुकड़ों को डीएनए व लिंग निर्धारण के लिए भेजा जा रहा है। मामले पुलिस पुलिस पांच संदिग्धों से लगातार पूछताछ कर रही है। वारदात से जल्द पर्दा उठ सकता है।

 

इन सवालों का चाहिए जवाब
  • जोगिंदरो बाई की हत्या क्यों और किसने की? क्या गुरमीत सिंह को भी साथ उतारा गया मौत के घाट?
  • गुरमीत सिंह के लापता होने की गुमशुदगी क्यों नहीं दर्ज कराई गई?
  • जोगिंदरो बाई की हत्या के साथ गुरमीत सिंह की हत्या की गई, तो क्यों?
  • क्या मामला सिर्फ प्रापर्टी विवाद का है या कुछ और है इसके पीछे की सच्चाई?
करीबियों के इर्दगिर्द घूम रही है हत्या की सूई?

वारदात की सूई जोगिंदरो बाई के करीबियों के ही इर्द गिर्द ही घूम रही है। जोगिंदरो बाई के लापता होने के साथ ही बेटी के ससुराल आया गुरमीत सिंह भी गायब हुआ। फिर भी उसकी गुमशुदगी के रिपोर्ट नहीं लिखवाई गई। 65 वर्षीय गुरमित के बेटों ने गुरुवार को पूरे मामले में पुलिस के सामने बात रखी। बताया कि समधी के घर अक्सर उनका आना-जाना रहता था।

 

सूत्रों के मुताबिक जोगिंदरो बाई से उनके भतीजे जोगिंदर के स्जनों की भी जमीन को लेकर रंजिश चल रही थी। अब तक के हालात दोहरे जघंय हत्याकांड की ओर इशारा कर रहे हैं। मामले में जोगिंदरो बाई के करीबियों से पुलिस पूछताछ कर रही है, जो लगातार अपने बयान बदल रहे हैं। दो शादियां कर चुकी हैं जोगिंदरो बाई जोगिंदरो के जीवन की सच्चाई भी धीरे-धीरे सामने आ रही है।

 

जोगिंदरो ने एक नहीं बल्कि दो शादियां की हैं। उनकी पहली शादी तो कलकत्ती फार्म गदरपुर निवासी टिक्का सिंह से हुई थी। लेकिन इसके कुछ समय बाद दोनों अलग हो गए। फिर रम्पुरा काजी केलाखेड़ा निवासी पंजा सिंह उसने दूसरी शादी रचाई, लेकिन यह शादी भी नहीं चल सकी। इसके बाद वह वापस आकर अपने गांव में अकेली रहने लगी थी। इस दौरान एक भतीजे के परिवार से उसका जमीन का लेकर विवाद भी चल रहा था, ऐसा ग्रामीणों का कहना है।

 

गुरमीत को आखिरी बार नदी किनारे देखा था जाते

नानकमत्ता निवासी गुरमीत सिंह के सोना सिंह ने बताया कि उसके पिता की गुमशुदगी की जानकारी बुधवार को उनके बहन के घर से मिली। जीजा ने बताया कि उनके पिता भी नहीं मिल रहे हैं। सोना सिंह ने बताया कि गांव वालों को कहना है कि उन्हें शाम को गांव वालों ने नदी की तरफ जाते देखा था। आखिरी बार वह नदी के किनारे क्षेत्र में दिखे थे। बताया कि उसके पिता अक्सर बहन के घर आकर रहते थे।

 

बीच में तीन दिनों के लिए घर आए थे, फिर वापस दीदी के घर लौट गए थे। पूर्व होमगार्ड रह चुके जोगिंदर के घर से उनकी अच्छी बनती थी। वह शराब पीने के आदी थे। सोना सिंह ने बताया कि उसकी बहन की शादी बगल के गांव मजरा में हुई है। दोनों की हत्या के पीछे के कारणों की जांच में जुटी पुलिस पुलिस के सामने दो कड़ियों को जोड़ने की। गांव की रहने वाली 46 वर्षीय जोगिंदरो की हत्या के पीछे की वजह तो जमीन विवाद माना जा सकता है, लेकिन दूसरे हत्या के पीछे क्या वजह है यह राज उगलवाने में पुलिस जुटी हुई है। क्योंकि माना जाए तो अब बस गुरमीत की हत्या के पीछे की कड़ियों को जोड़ा जाना ही बाकी रह गया है।

 

सूत्रों के मुताबिक एक संदिग्ध आरोपित एक हत्या की बात कबूल कर रहा है। बहरहाल पुलिस हर एंगल से मामले की जांच करने में जुटी है। भतीजे ने एक बार पुलिस टीम पर भी किया था हमला पुलिस का शक जोगिंदरो के करीबियों पर है। उनका एक भतीजा होमगार्ड पद से बर्खास्त किया जा चुका है। रंपुरा काजी निवासी कुलवीर सिंह पर सितारगंज थाने में 376 का मुकदमा दर्ज था। 2018 में 23 नवंबर को 11 बजे थाना प्रभारी वीरेंद्र रमोला पुलिस टीम के साथ गांव रम्पुरा काजी पहुंचे। जहां दुराचार के वारंटी आरोपित कुलवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जिस पर परिवार सहित अन्य लोगों ने पुलिस पर हमला कर आरोपित को छुड़ा लिया।

 

मामले में पुलिस टीम पर हमला करने के आरोप में जोगिंदरो के भतीजे जोगेंद्र सिंह सहित दर्जनों आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। महिला के बेटी से लिया गया डीएनए सैंपल महिला के शव की पहचान के लिए पुलिस टीम ने उसकी बेटी के डीएनए सैंपल भी लिए। जोगिंदरो की बेटी की शादी उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में हुई है। घटना की जानकारी के बाद वह गांव पहुंची थी। इसके अलावा एक अन्य मिले पैर की जांच के लिए भी डीएनए सैंपल हल्द्वानी भेजे गए। रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस स्पष्ट तौर पर यह कह सकेगी कि दोनों हत्याओं में किसकी बाडी बरामद हुई है।

 

जोगिंदरो बाई के पुत्री ने पांव में रसोली होने के चलते की पुष्टि

केलाखेड़ा की बौर नदी में मिले मानव अंग जोगिंदरो बाई के ही हैं। इसकी पुष्टि मृतका की पुत्री ने की है। एक पैर में रसौली की गांठ व सलवार के आधार पर मृतका के अंगों की शिनाख्त की है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है।

मामले में अभी स्पष्ट रूप से कुछ कह पाना संभव नहीं है। सभी साक्ष्यों और गवाहों पर को जुटाया जा रहा है। गुरमीत प्रकरण पर साक्ष्यों के पुख्ता होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

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