उत्तराखंडजिला प्रशासनधर्मस्व/धार्मिकराजस्वशहरी विकास

Uttarakhand: केदारनाथ में बेस कैंप के पास बनेगा हेलिपोर्ट, यात्रियों को मिलेगी सुविधा

केदारनाथ में यात्री सुविधाओं और मंदिर तक हेलीकॉप्टरों का शोर कम करने के लिए बेस कैंप के पास नया हेलिपोर्ट बनाया जाएगा। इससे एमआई-26 हेलिपैड पर हेलीकॉप्टरों का दबाव भी कम हो जाएगा। नए हेलिपोर्ट पर छह से आठ हेलिकॉप्टर लैंड कर सकेंगे। इसमें यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता है जो संकरी घाटी से होकर गुजरता है। इसी संकरी घाटी के ऊपर से केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर भी संचालित होते हैं। आपदा के बाद केदारनाथ तक आसान पहुंच के लिए एमआई-26 हेलिपैड का निर्माण कराया गया, जो मंदिर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर है। इसी हेलिपैड से यात्राकाल में हेली कंपनियां हेलीकॉप्टर सेवा संचालित करती हैं।

केदारघाटी में हेलीकॉप्टर सेवा को बढ़ावा मिलने से सीजन में यहां सात से नौ हेली कंपनियों के हेलीकॉप्टर उड़ान भरते हैं। इससे पूरे केदारघाटी से लेकर केदारनाथ के आसमान में हेलीकॉप्टर की गूंज रहती है। गोविंद बल्लभ पंत पर्यावरण विकास संस्थान ने भी आपदा से पहले केदारनाथ क्षेत्र का अध्ययन कर हेलीकॉप्टर सेवा पर नियंत्रण की बात कही थी। कहा गया था कि केदारनाथ में हेलीकॉप्टर की गर्जना से वहां की पहाड़ियों और हिमखंड में कंपन होता है।

सिर्फ तीन हेलिकॉप्टर ही लैंड कर सकेंगे
जिला प्रशासन ने केदारनाथ स्थित एमआई-26 हेलिपैड के दबाव को कम करने की योजना बनाई है। यही नहीं, सुरक्षा की दृष्टि से भी हेलिपैड पर एक समय में सिर्फ तीन हेलिकॉप्टर ही लैंड कर सकते हैं। पहले यहां हेलीकॉप्टर के लैंडिंग और टेकऑफ के दौरान कई घटनाएं भी हो चुकी हैं। केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत यहां हेलिपोर्ट प्रस्तावित है इसलिए प्रशासन उसे बेस कैंप के निकट बनाने की बात कह रहा है।

केदारनाथ में 108 डेसीबल तक होती हेलीकॉप्टर की आवाज

वर्ष 2013-14 में केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग ने यात्राकाल में केदारघाटी के गुप्तकाशी, फाटा, बडासू, शेरसी, सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ हेलिपैड पर हेलीकॉप्टर के लैंडिंग और टेकऑफ के दौरान ध्वनि का अध्ययन किया था। उस समय केदारनाथ हेलिपैड पर हेलीकॉप्टर की न्यूनतम ध्वनि 92 और अधिकतम 108 डेसीबल मापी गई थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि हेली कंपनियां सेंक्चुरी क्षेत्र में नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। हेलिपैड के निकट जीएमवीएन के भवन हैं। हेलिकॉप्टरों की गूंज से इनको भी खतरा हो रहा है। ऐसे में मंदिर परिसर से दूर हेलिपोर्ट बनाया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button