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स्वास्थ्य मंत्री ने पीसीपीएनडीटी एक्ट को दिखाया ठेंगा ,बिना रजिस्ट्रेशन के अल्ट्रासाउंड मशीन का कर दिया उद्घाटन 

देहरादून, 5 जनवरी 2022,

स्वास्थ्य मंत्री ने पीसीपीएनडीटी एक्ट को दिखाया ठेंगा ,बिना रजिस्ट्रेशन के अल्ट्रासाउंड मशीन का कर दिया उद्घाटन।

विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही मंत्री विधायक जनता के बीच अपनी उपलब्धियों का बखान करने के लिए करोड़ो की योजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण करा रहे है।
मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री अपना पत्थर चिपकाने में लगे है , इसी बीच धामी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत को भी अपने विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की याद आ गयी और करने लगे उद्घाटन और शिलान्यास , मंत्री जी विकास कार्यो में इतना उलझे कि ध्यान ही नही रहा और 14 दिसम्बर 2021 को थलीसैंण अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन का बिना रजिस्ट्रेशन के ही कर दिया उद्घाटन मंत्री की इस सौगात पर जनता ने खूब बजाई तालियां अधिकारियों ने की हाँ हजूरी । पर आज 20 दिन बीत जाने के बाद भी थलीसैंण की अल्ट्रासाउंड मशीन का रजिस्ट्रेशन नही हो पाया।

यँहा आप को बतादें पीसीपीएनडीटी के तहत बिना परमीशन के न तो मशीन खरीदी जा सकती है न ही बिक्रेता उसे बेंच सकता है और बिना जिलाधिकारी द्वारा जारी रजिस्ट्रेशन के उसका उयोग किया जा सकता है अब स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य मंत्री पर सबाल ये उठता है उद्घाटन कैसे हो गया…..
हालांकि पौढ़ी के सीएमओ से वार्ता की तो उन्होंने बताया वंहा पर रेडियोलॉजिस्ट डॉ रचित गर्ग है जिनके नाम से रजिस्ट्रेशन की कार्यवाही चल रही है वही अल्ट्रासाउंड की सेवा के सम्बन्ध में उन्होंने मना किया, वहीं पीसीपीएनडीटी की स्टेट नोडल अधिकारी डॉ सरोज नैथानी से अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित करने की प्रक्रिया के बारे में बात की तो उन्होंने पूरी प्रक्रिया तो बता दी पर मंत्री जी के द्वारा जिस मशीन का उद्घाटन किया गया यह सही है या गलत इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी पौढ़ी व सीएमओ पौढ़ी पर टाल दिया।
पीएनडीटी एक्ट के तहत अल्ट्रासाउंड मशीन को एक कमरे से दूसरे कमरे में यदि स्थापित किया जाता है तो उसकी जानकारी जिलाधिकारी को देते हुए अनुमति लेनी होती है जिस डॉक्टर के नाम रजिस्ट्रेशन हो गया है वही डॉक्टर उसका संचालन करेगा , रजिस्ट्रेशन की एक प्रति मशीन के ऊपर टंगी होनी चाहिए या चिपकी होनी चाहिए जबतक रजिस्ट्रेशन न हो जाये तब तक किसी के लिए भी मशीन का उपयोग नही किया जा सकता जोकि कानूनन अपराध है।

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