
काशीपुर, उत्तराखंड।
जनपद उधम सिंह नगर में एक बार फिर मौत ने अपना तांडव मचाया है… काशीपुर की सूर्या रोशनी लिमिटेड फैक्ट्री में हाइड्रोजन सिलेंडर ब्लास्ट ने हर किसी को हिला कर रख दिया… सुबह 11:30 बजे हुए इस भीषण धमाके ने फैक्ट्री परिसर को थर्रा दिया… और कई परिवारों की सांसें रोक दीं। धमाका इतना जबरदस्त था कि फैक्ट्री की दीवारें कांप उठीं… और लोग जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे। हादसे के तुरंत बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया… कर्मचारियों की चीखें, घबराहट और बदहवासी ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया। फैक्ट्री के अंदर करीब एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारी उस वक्त मौजूद थे… जिनमें से 10 से 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए… और एक की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं एक अन्य कर्मचारी की हालत इतनी नाज़ुक है कि डॉक्टरों का कहना है — अगर हालात नहीं सुधरे, तो उसका पैर काटना पड़ सकता है। ये घटना काशीपुर-मुरादाबाद रोड स्थित सूर्या फैक्ट्री में हुई है… घायलों को तुरंत आयुष्मान मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां डॉ. विकास गहलोत और उनकी टीम ने वक्त रहते कई जिंदगियों को मौत के मुंह से खींच निकाला। एचआर हेड संजीव की मानें तो शुरुआत में सिर्फ मामूली चोट की बात सामने आई थी, लेकिन चश्मदीदों का कहना है कि कई लोग अंदर बुरी तरह झुलस गए हैं। फैक्ट्री परिसर को पूरी तरह सील कर दिया गया है, और किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही। प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर मौजूद हैं… राहत और बचाव कार्य जारी है… लेकिन इस हादसे ने एक बार फिर काशीपुर को झकझोर दिया है। काशीपुर को यूं ही ‘उद्योग नगरी’ नहीं कहा जाता… लेकिन इस हादसे के बाद अब लोगों के मन में डर बैठ गया है — “कहीं अगला नंबर किसी और फैक्ट्री का न हो… कहीं अगला धमाका IGL में न हो… नैनी पेपर मिल, या किसी और केमिकल प्लांट में न हो…” आज सूर्या फैक्ट्री के बाहर लोग जमा हैं, आंखों में डर है, होठों पर खामोशी है… सवाल सिर्फ इतना है — क्या हमारी फैक्ट्रियों में सुरक्षा अब भी कागज़ों तक सीमित है? और क्या अगला ब्लास्ट किसी और घर का चिराग बुझा देगा?