उत्तराखंडक्राइम

फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में शामिल हूबहू नकली दस्तावेज तैयार करने में माहिर एक और अभियुक्त को दून पुलिस ने सहारनपुर से किया गिरफ्तार इस मामले में अब तक 12 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी।

फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में एक और अभियुक्त को आज दून पुलिस ने सहारनपुर से गिरफ्तार कर लिया है इस प्रकरण के लिए  संदीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन देहरादून व जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति की जांच रिपोर्ट बाबत अज्ञात अभियुक्तगणों की मिलीभगत से धोखाधड़ी की नियत से आपराधिक षडयन्त्र रचकर उप निबंधक कार्यालय प्रथम द्वितीय जनपद देहरादून में भिन्न-भिन्न भूमि विक्रय विलेख से सम्बन्धित धारित जिल्दों के क्रमशः (विलेख सं0 2719/2720 वर्ष 1972, विलेख सं0 3193, विलेख सं0 3192, विलेख सं0 545 वर्ष 1969, विलेख सं0: 10802/10803 ) के साथ छेडछाड कर अभिलेखो की कूटरचना करना के सम्बन्ध में दी गयी, तहरीर के आधार पर कोतवाली नगर देहरादून पर मु0अ0स0 281/2023 धारा 420/120बी/467/468/471 भादवि बनाम अज्ञात अभियुक्तगण पंजीकृत किया गया था। प्रकरण की विवेचना के लिये पुलिस अधीक्षक यातायात सर्वेश कुमार की अध्यक्षता में एस0आई0टी0 टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी करते हुए रिंग रोड से सम्बन्धित 30 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्यन कर पूछताछ में कुछ प्रोपटी डीलर के नाम सामने आये थे जिनसे गहन पूछताछ में उक्त फर्जीवाड़े में कई लोगों के नाम प्रकाश में आये गठित टीम द्वारा कई संदिग्धों के विभिन्न बैंक अकाउण्ट का भी अवलोकन किया गया जिसमें करोड़ो रूपयों का लेन-देन होना पाया गया। इन लोगो द्वारा बनाये गये दस्तावेजों को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त करने पर कई फर्जीवाड़े का होना भी पाया गया।

उक्त प्रकरण में पूर्व में अभियुक्तगणों:- 1- सन्तोष अग्रवाल, 2-दीप चन्द अग्रवाल, 3- मक्खन सिंह 4- डालचन्द, 5- वकील इमरान अहमद 6- अजय सिंह क्षेत्री, 7- रोहताश सिंह, 8- विकास पाण्डे, 9- कुंवर पाल उर्फ के0पी0, 10- कमल विरमानी 11- विशाल कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार में निरुद्ध है। इन लोगों से विस्तृत पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आये थे, जिनके विरूद्ध विवेचना में साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है।
पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तों के बयानों/साक्ष्यों के आधार पर प्रकाश में आया कि मूल विलेखों की हूबहू नकल कर फर्जी बिलेख तैयार करने का काम के०पी० द्वारा महेश चन्द उर्फ छोटा पण्डत पुत्र स्व0 कैलाश चन्द्र निवासी पुष्पाजली बिहार जनता रोड सहारनपुर उ0प्र0 से कराया जाता था। जिस पर पुलिस टीम द्वारा पतारसी सुरागरसी करते हुए दि0 03.10.2023 को सहारनपुर से अभियुक्त महेश चन्द उर्फ छोटा पण्डित को मु0अ0सं0 281/23 धारा 420/467/468/471/120बी भादवि0 में गिरफ्तार किया गया। अभि0 से पूछताछ के दौरान धाना कोतवाली नगर पर पंजीकृत मु0अ0सं0 107/23 धारा 420/467/468 471/120बी भादवि0 के अपराध में भी सम्मिलित होना पाया गया। अभियुक्त को मां0 न्यायालय के समक्ष पेश न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया।

*अभियुक्त से पूछताछ का विवरण:-* अभि० द्वारा पूछताछ में यह बात प्रकाश में आयी कि अभियुक्त महेश चन्द उर्फ छोटा पण्डित वर्ष 2014 तक कंवरपाल सिंह उर्फ के0पी0 के यहाँ हल्दी व जड़ी – बूटी के कारोबार में मुशी का काम करता था। के0पी0 ने महेश चन्द को बताया कि वह डिस्पयूटेड प्रोपट्री खरीदने बेचने का काम करना चाहता है, जिसमें उसे काफी मुनाफा होने के आसार हैं। इसी काम के लिए के0पी0 कई-कई दिन बाहर रहने लगा। के०पी० पुराने खाली कागज व पुराने स्टाम्प मेरठ, दिल्ली से लाना बताकर कुछ लिखे लिखाये बैनामा व अभिलेखों की नकल उन खाली कागजो व स्टाम्पों पर अभियुक्त महेश चन्द उर्फ छोटा पण्डत व स्व० मांगे राम से करवाता था। के0पी0 के कहने पर लिखे हुए दस्तावेजों की नकल हूबहू उसी लेख में पुराने स्टाम्प व खाली कागजों पर कर फर्जी विलेख तैयार करते थे तथा के०पी० द्वारा लाये गये लिखे लिखाये दस्तावेज की नकल अपनी नेचुरल लिखावट में न कर हूबहू असली विलेख व बेनामा की लिखावट में उतारी जाती थी, पुरानी लिखे कागजों को फाड कर के०पी० जला देता था व अभि० महेश चन्द्र व स्व0 मांगे राम द्वारा तैयार किये गये फर्जी कागजों को लेकर देहरादून आता था व अभियुक्त कमल विरमानी व अन्यों के साथ मिलकर फर्जी तैयार किये गये, अभिलेखों को जिल्द में असली के रूप में चस्पा करा देते थे। अभि0 महेश चन्द द्वारा पूछताछ में बताया कि के०पी० द्वारा एक बार अभियुक्त महेश चन्द व स्व० मांगे राम को एक बही जैसा रजिस्टर लाकर दिया, जिसकी हूबहू नकल करने को कहा गया जो नवादा में मित्तल, रायपुर में इन्द्रावती तथा जाखन में स्वरूप रानी आदि की जमीनों से सम्बन्धित लेख थे, अभि0 महेश चन्द व स्व0 मांगे राम द्वारा के०पी० की बतायी गयी विषय वस्तु लिखकर फर्जी विलेख तैयार किये गये, जिसे लिखने में करीब एक-डेढ महीना लगा था। इसी प्रकार करीब 4-5 बैनामे देहरादून स्थित भूमि सम्बन्धी तैयार किये गये थे जो नकुड स्थित के0पी0 के घर पर रहकर तैयार किये जाते थे।

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