देहरादून।
उत्तराखंड में लचर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हमेशा सबाल उठते रहे है , हालाँकि प्रदेश के सास्थ्य मंत्री हो या मुख्यमंत्री हो या कोई अधिकारी हो सभी प्रदेश में पहले से वेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बात करते है लेकिन हकीकत सबके सामने है , कहने को तो राजधानी देहरादून स्थित प्रदेश का सबसे बड़ा राजकीय मेडिकल कॉलेज है जिसमे एचओडी समेत लगभग 7 हड्डी के डॉक्टर भी तैनात है जिनकी उपलब्धियों का बखान भी मेडिकल कॉलेज करता है इसके साथ ही राजधानी का जिला चिकित्सालय कोरोनेशन भी है जिसमे वर्तमान में 3 हड्डी रोग विशेषज्ञ तैनात है लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि प्रदेश की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट को अपने इन चिकित्सकों पर रत्ती भर विश्वास नही है क्योंकि बीते रोज अचानक सुबह सुबह घर के बाहर टहलते समय डीजी हेल्थ को किसी अनजान बाइक वाले ने टक्कर मार दी जिससे उनके दाहिने पैर की हड्डी फैक्चर हो गयी जिसका इलाज राजधानी देहरादून स्थित कॉरपोरेट हॉस्पिटल मैक्स में चल रहा है डॉक्टरों ने उन्हें रेस्ट करने को कहा है जबकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य ठीक है लेकिन सोमवार को ऑपरेशन किया जाएगा।
डॉ शैलजा भट्ट, स्वास्थ्य महानिदेशक उत्तराखंड
*हालाँकि हम ईश्वर से डीजी हेल्थ के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते*
डीजी हेल्थ का मैक्स में इलाज कराना उनका विशेषाधिकार है वो जँहा चांहे वँहा इलाज करवा सकती है लेकिन सवाल स्वास्थ्य सेवाओं पर जरूर खड़ा होता है कि जब राजधानी देहरादून में तैनात चिकित्सकों से स्वास्थ्य विभाग की डीजी ही विश्वास नही करती तो आम जनता कैसे करेगी , इससे आम जनता के मन मे चिकित्सकों की योग्यता पर भी सवाल लाजमी है, और जब देहरादून में ही स्वास्थ्य सेवाओं के हालात ये है तो दुरुस्त पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या हालत होगी इससे अंदाज लगाया जा सकता है ।
नोट– इस खबर को लिखने के पीछे मेरी मंशा सिस्ट्म को आईना दिखाना है न कि व्यक्तिगत रूप से किसी की भावना को आहत करना। मैं डीजी हेल्थ के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ।