सिंघल के विरुद्ध जांच बैठाने की तैयारी, जल्द नामित होंगे जांच अधिकारी
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विधानसभा के भर्ती प्रकरण की आंच में घिरे निलंबित सचिव (पदावनत होने के बाद अब संयुक्त सचिव) मुकेश सिंघल की मुश्किलें अधिक बढ़ सकती हैं।
32 पदों की भर्ती के लिए विवादित एजेंसी का चयन और उसे तीन दिन में 59 लाख रुपये का भुगतान करने के मामले में सिंघल की संदिग्ध भूमिका को देखते हुए उनके विरुद्ध अलग से जांच बैठाने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण जल्द ही इस सिलसिले में जांच अधिकारी नामित कर सकती हैं।
2016 से 2021 तक विधान
इसके साथ ही पांच साल में तीन पदोन्नति हासिल करने और वर्ष 2020 में विधानसभा में 32 पदों की सीधी भर्ती से संबंधित प्रकरण में तत्कालीन सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल को निलंबित कर गैरसैंण से संबद्ध कर दिया गया था। साथ ही 32 पदों की भर्ती परीक्षा को रद कर दिया गया था।
विधानसभा अध्यक्ष ने सचिव सिंघल को पदावनत कर दिया था
विधानसभा की ओर से सिंघल से इन बिंदुओं पर जवाब मांगा गया। उत्तर संतोषजनक न पाए जाने पर चार दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सचिव सिंघल को पदावनत कर दिया था। उन्हें दो रैंक नीचे संयुक्त सचिव पद पर पदावनत किया गया है।
सूत्रों के अनुसार भर्ती परीक्षा के मामले में सिंघल का जवाब संतोषजनक नहीं है। इसे देखते हुए अब इस प्रकरण की अलग से जांच कराई जाएगी। जांच अधिकारी कौन होगा, इसे लेकर दो-तीन दिन में स्थिति साफ हो जाएगी।
सभा में हुई 228 तदर्थ नियुक्तियां रद कर दी थीं
विधानसभा में बैक डोर भर्ती का मामला उछलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विशेषज्ञ कमेटी से जांच कराई। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद पिछले वर्ष 23 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष ने वर्ष 2016 से 2021 तक विधानसभा में हुई 228 तदर्थ नियुक्तियां रद कर दी थीं। बाद में इन कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था।
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