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Rishikesh: 1 लाख की लागत से बनकर हुआ था तैयार स्मृति द्वार, बेमौसमी वर्षा में ही धराशायी हो गया

यमकेश्वर विकासखंड में निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को लेकर हमेशा सवाल उठते रहते हैं। इस बार यहां एक और घटिया निर्माण की पोल पहली वर्षा में ही खुल गई। प्रखंड के खेड़ा ग्राम पंचायत में कुछ माह पूर्व ही बनाया गया स्मृति द्वार पहली बेमौसमी वर्षा भी नहीं झेल पाया और धराशायी हो गया। गनीमत रही कि कोई व्यक्ति इसकी चपेट में नहीं आया।

ग्राम पंचायत खेड़ा में खेड़ा-मुजराड़ा मोटर मार्ग पर कुछ माह पूर्व ही एक स्मारक द्वार का निर्माण किया गया था। उस समय क्षेत्र पंचायत सदस्य व पूर्व सैनिक सुदेश जोशी ने इस द्वार की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे। विकास खंड के ज्येष्ठ प्रमुख की क्षेत्र पंचायत निधि से एक लाख रुपये की लागत से निर्मित यह स्मृति द्वार दो दिन से हो रही वर्षा और तेज हवा के चलते बुधवार को भरभराकर गिर गया।

गनीमत यह रही कि इस दौरान यहां से किसी की आवाजाही नहीं हो रही थी। जिससे बड़ा हादसा भी टल गया। पूर्व सैनिक व क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट ने इसे बलिदानियों के नाम पर खिलवाड़ बताते हुए जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। लेकिन ब्लाक प्रशासन व शीर्ष नेतृत्व, इस तरह के घटिया निर्माण की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

 

उन्होंने आरोप लगाया कि विभागीय कर्मचारी दबाव के चलते बिना सर्वे किए ही योजनाओं पर अंतिम मोहर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीडीसी बैठक में भी उन्होंने इस सवाल को गंभीरता से उठाया था। उन्होंने पिछले चार सालों से हुए विकास कार्यों की जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह भी गंभीर विषय है कि विकासखंड के ज्येष्ठ प्रमुख की क्षेत्र पंचायत निधि से उनके ही क्षेत्र पंचायत में यह द्वार बनाया गया था।

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