प्रदेश में जल्द लागू होगी रूफ गार्डनिंग प्रोत्साहन योजना, देहरादून से होगा पायलट प्रोजेक्ट शुरू
शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को घर की छतों पर रूफ गार्डनिंग के जरिए जैविक सब्जी उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार ने रूफ गार्डनिंग के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देहरादून को चुना है। जल्द ही इस योजना को प्रदेश भर में लागू किया जाएगा।
मंगलवार को राजपुर रोड स्थित वन मुख्यालय के मंथन सभागार में कृषि एवं उद्यान मंत्री ने विभाग की ओर से रूफ गार्डनिंग पर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कृषि मंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में रूफ गार्डनिंग की अपार संभावनाएं हैं। इसी तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार रूफ गार्डनिंग योजना को संचालित करने जा रही है। इसको बढ़ावा देने के लिए 25 दिसंबर से दो जनवरी तक प्रदेश में रूफ गार्डनिंग सप्ताह मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों व पेस्टीसाइड के उपयोग से लोगों को रसायन मुक्त सब्जी नहीं मिल रही है, लेकिन रूफ गार्डनिंग से लोग अपने घर की छतों पर अपनी जरूरत के लिए जैविक तरीके से सब्जी उत्पादन कर सकते हैं। यह स्वास्थ्य के लिहाज से भी लाभकारी होगा। शहरी क्षेत्रों में लगातार कृषि योग्य भूमि कम होती जा रही है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में रूफ गार्डनिंग, पोषक तत्व प्रबंधक, सब्जी उत्पादन की तकनीकी, जैविक उत्पादन की जानकारी दी गई। उद्यान निदेशक डॉ. एचएस बवेजा ने बताया दिल्ली के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य है, जहां पर रूफ गार्डनिंग योजना को संचालित करने का निर्णय लिया गया।
मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून मीनाक्षी जोशी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया कि रूफ गार्डनिंग में विभिन्न प्रकार के सब्जी उत्पादन के साथ-साथ वर्टिकल गार्डनिंग (उर्ध्व खेती) एवं हाइड्रोपोनिक्स (मिट्टी रहित खेती) का लाभ भी उठाया जा सकता है। इस मौके पर संयुक्त निदेशक उद्यान डॉ. रतन कुमार, महेंद्र सिंह, गणेश बिष्ट, पूनम नौटियाल, मनजीत रावत आदि मौजूद रहे।