उत्तराखंडक्राइम

पुरोला में 15 को महापंचायत की सुगबुगाहट तेज, गंगोत्री में भी ‘लव जिहाद’ पर तनाव

उत्तराखंड में लव जिहाद का मु्द्दा खासा गरमाता जा रहा है। उत्तरकाशी के पुरोला इलाके से शुरू हुआ विवाद अब तूल पकड़ रहा है। दरअसल, पुरोला मेंअल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति सहित दो लोगों ने 26 मई को कथित रूप से एक अलग धर्म की नाबालिग लड़की का अपहरण करने की कोशिश की। इस मामले में दोनों की गिरफ्तारी के बाद सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया। अब जिले के गंगोत्री कस्बे तक यह तनाव फैल गया है। राज्य भर में कथित लव जिहाद की घटनाओं की बढ़ती संख्या के विरोध में शनिवार को गंगोत्री में दुकानें बंद रहीं।

 

विरोध में भाग लेने वाले स्थानीय व्यापारियों ने सड़क के किनारे के छोटे व्यवसायों में संलग्न असत्यापित बाहरी लोगों की आमद पर चिंता जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि गंगोत्री की शांति और कानून व्यवस्था प्रभावित हो रही है। यह चार धाम तीर्थ शहरों में से एक है। उन्होंने प्रशासन से इस संबंध में तत्काल कार्रवाई की मांग की। इस बढ़ते तनाव के बीच अल्पसंख्यक समुदाय के एक 32 वर्षीय दुकानदार ने पुरोला को छोड़ने की घोषणा की। उसके मकान मालिक ने उसे किराए की दुकान खाली करने के लिए कहा था।

घटना ने बढ़ा दी है परेशानी

पुरोला की घटना ने अल्पसंख्यकों की परेशानी बढ़ा दी है। करीब तीन दशक से पुरोला में रहकर कपड़े का व्यवसाय चलाने वाले दुकानदार को अब शहर छोड़ना पड़ रहा है। युवा दुकानदार ने कहा कि हम ट्रकों के आने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ दिनों में शहर छोड़ देंगे। मेरे पिता 30 साल पहले पुरोला आए थे और गारमेंट का बिजनेस शुरू किया था। सांप्रदायिक तनाव के कारण हम अब दुकान खाली करने के लिए मजबूर हैं। साथ ही, अपना घर भी छोड़ रहे हैं, जिसे मेरे पिता ने वर्षों पहले बनवाया था।

 

सूत्रों के मुताबिक, अल्पसंख्यक समुदाय के कुल 11 दुकानदार पुरोला से पलायन कर चुके हैं। वहीं, तीन अन्य बड़कोट और नौगांव शहर छोड़ चुके हैं। पिछले हफ्ते कुछ अज्ञात लोगों ने अल्पसंख्यक समुदाय के व्यापारियों की बंद दुकानों पर पोस्टर चिपका दिए थे। इसमें दुकानदारों को दुकान खाली करने या परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। उन्हें व्यवसाय बंद करने और शहर छोड़ने के लिए कहा गया था।

सीएम ने लिया है मामले का संज्ञान

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मामले का संज्ञान लिया है। उत्तरकाशी के दो दिवसीय दौरे पर आए सीएम धामी ने कहा कि किसी को भी शांति भंग करने या कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हालांकि, इसके बाद भी स्थानीय स्तर पर माहौल बिगड़ने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोग वहां निकलने की सोच रहे हैं। पोस्टर मामले में भी पुलिस की ओर से ऐसी किसी भी कोशिश पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।

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