टिहरी की बालगंगा तहसील में सेंदुल-पटुड़ गांव मोटर मार्ग पर हुई कार दुर्घटना में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत होने से होल्टा गांव में मातम पसर गया। दुर्घटना की खबर मिलते ही परिजन उनके जिंदा होने की आस में घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े लेकिन वहां पांचों के शव देखकर वह सुधबुध खो बैठे। परिवार के लोग जहां सांत्वना देने गए थे, उस राजगांव में भी शोक छा गया।
शुक्रवार को होल्टा गांव का गबर सिंह अपनी पत्नी बबली देवी और भाभी उर्मिला देवी, सोना देवी और तुलसी देवी के साथ भाई की बहू के पिता की मौत पर सांत्वना देने राजगांव गए थे। रिश्तेदारों को ढांढस बंधाने के बाद वह अपराह्न तीन बजे घर लौटने के लिए कार में बैठ गए थे लेकिन बैक करते समय कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई।
कार दुर्घटना का पता चलते ही लोग घटना स्थल की ओर दौड़ पड़े। लेकिन जब तक स्थानीय लोग खाई में उतरे तब तक बहुत देर हो चुकी थी इसके कुछ देर बाद ही घटनास्थल से 45 किमी दूर होल्टा गांव में भी दुर्घटना की खबर पहुंच गई जिससे परिवार में कोहराम मच गया। अपना के जिंदा होने की आस में परिजन रोते-बिलखते राजगांव घटनास्थल हुंचे। लेकिन वहां परिवार के सभी पांच लोगों कि शव देखकर वह अपनी सुधबुध खो बैठे।
यह खबर मिलते ही होल्टा और राजगांव में भी मातम पसर गया। होल्टा गांव में रोते-बिलखते परिवार को सांत्वना देने के लिए देर रात तक लोग मृतक गबर सिंह के घर पहुंचते रहे। जबकि कई लोग सीएचसी बलेश्वर पहुंचे। अपने बीच के हंसते- खेलते परिवार के पांच लोगों के शोक में होल्टा गांव में रात को चूल्हा नहीं जला।
एक समधी और चार समधिनों की मौत से शोक में बहू के मायके राजगांव में भी मातम पसर गया। मृतक सोना देवी के पति सरोप सिंह ने बताया कि वह राजगांव में समधि के निधन पर सांत्वना देने गए थे लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह उनकी आखिरी मुलाकात होगी।
मृतक उर्मिला देवी के पुत्र विनय ने बताया कि दुर्घटना से कुछ देर पहले ही उनसे फोन पर बात हुई थी। जिसमें उन्होंने जल्द घर लौटने की बात कही थी। लेकिन इस अनहोनी ने उन्हें हमेशा के लिए दूर कर दिया। परिजनों की मौत की खबर मिलने के बाद बाहर रहे बच्चे भी घर के लिए निकल गए हैं।