उच्च हिमालय क्षेत्र में हिमस्खलन की चेतावनी और मौसम विभाग के अलर्ट जारी किया गया है, जिसे देखते हुए गोमुख क्षेत्र में ट्रैकिंग पर रोक लगा दी गई है। फिलहाल यह रोक तीन मई तक लगाई गई है।
मौसम की चेतावनी को देखते हुए गंगोत्री नेशनल पार्क ने पहले 25 से 27 अप्रैल से रोक लगाई थी। परंतु उसके बाद भी हर दिन उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी व निचले इलाकों में वर्षा के कारण ट्रैकरों को गोमुख क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी गई। अब पार्क प्रशासन ने तीन मई तक गोमुख क्षेत्र में ट्रैकिंग पर रोक लगाई है।
हेमकुंड बदरीनाथ की चोटियों में बर्फबारी
चमोली जिले में आए दिन मौसम का मिजाज बदलता नजर आ रहा है। रविवार को सुबह से जहां धूप खिली थी, वहीं दोपहर बाद जिले के निचले इलाकों में जहां वर्षा हुई। बदरीनाथ व हेमकुंड की चोटियों में वर्षा के साथ हल्की बर्फबारी होने से एक बार फिर से धाम में ठिठुरन वाली ठंड महसूस होने लगी है।
हेमकुंड साहिब में बर्फ हटाने के कार्य में जुटे सेना के जवानों को भी मौसम के बदलते मिजाज से बर्फ हटाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिले में इन दिन गेहूं की कटाई की जा रही है, मगर दोपहर बाद आए दिन हो रही वर्षा से गेहूं की फसलों को भी खासा नुकसान पहुंच रहा है। जिससे काश्तकारों में भी खासी मायूसी छाई हुई है।
मौसम के बदलते मिजाज से धाम में ही डटे हैं बीकेटीसी अध्यक्ष
गोपेश्वर जनपद में आए दिन बिगड़ते मौसम को देखते हुए बदरीनाथ धाम में व्यवस्थाओं पर नजर रखने के लिए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय बदरीनाथ के कपाट खुलने के बाद से धाम में ही डेरा डाले हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने आगामी दिनों के लिए मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के मद्देनजर बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह को केदारनाथ धाम में ही कैंप करने के निर्देश दिए हैं।
बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद से ही बदरीनाथ धाम में रुक -रुक कर वर्षा व हल्की बर्फबारी से धाम में लगातार ठंड बढ़ती जा रही है। मौसम के बदलते मिजाज के चलते श्रद्धालुओं को भी कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। साथ ही बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत चल रहे पुनर्निर्माण के कार्यों में भी मौसम खलल डाल रहा है।
कहा कि मौसम के बदलते मिजाज व मास्टर प्लान के तहत चल रहे निर्माण कार्यों से श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्याओं का सामना ना करना पड़े, इसके लिए वे खुद ही धाम में डटे हुए हैं व लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।