देहरादून।
वन अधिनियम को लेकर लैंसडौन से भाजपा विधायक एक बार फिर मुखर हो गए हैं। विधायक दिलीप रावत ने कहा है कि प्रदेश सरकार यदि वन अधिनियम में संशोधन के लिए एक दिन का विशेष सत्र नहीं बुलाती है तो वह बाध्य होकर आगामी विधानसभा सत्र में नहीं जाएंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड 67 फीसद वन आच्छादित है। ऐसे में वन उत्तराखंड के लिए एक उपहार बनना चाहिए था लेकिन दुर्भाग्य से आज विकास में एक बड़ी बाधा बन रहा है।
उन्होंने कहा कि विशेष सत्र के माध्यम से तमाम संस्थाओं को एक बड़ा संदेश जाए कि उत्तराखंड के लोगों को इस वन अधिनियम से किस तरह की दिक्कतें हैं।
मालूम हो कि उत्तराखंड में आए दिन मानव वन्य जीव संघर्ष के मामले किसी से छिपे नहीं है, गुलदार, बालू, टाइगर सहित ततैया और मधुमक्खियां के हमले से कई मौतें हो चुकी हैं जबकि सैकड़ो की संख्या लोग में घायल हुए हैं। जिसको लेकर वन अधिनियम में संशोधन की मांग उठ रही है।
दिलीप रावत, बीजेपी विधायक लैंसडौन