पूर्व सीएम हरीश रावत भुला नही पा रहे दो-दो चुनावों की हार, सोशल मीडिया पर कर रहे बजह का बखान, इसबार कहा 2022 में मुस्लिम यूनिवर्सिटी के झूंठ से पैदा हुई धामी सरकार।


देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत को लगातार दो विधानसभा चुनोवो में मिल चुकी करारी हार का झटका सुकून से बैठने नही दे रहा , भले ही हरीश रावत मुख्यमंत्री रहते हुए दो -दो विधानसभाओं से चुनाव हार गए हो और लोकसभा 2019 हो या 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से हुई हार के बाद भी उनकी हिम्मत की लोग दाद देते है। क्योंकि हरीश रावत को भले ही जनता ने नकार दिया हो लेकिन हरदा हार नही मानते शायद यही बजह है कि हरीश रावत मीडिया की सुर्खियां बने रहते है । आज एकबार फिर से हरदा ने 2017 और 2022 में हुई कांग्रेस की हार और भाजपा की जीत की बजह को सोशल मीडिया पर लिखी अपनी पोस्ट में बया करते हुए …..
पढ़िए हरदा की पोस्ट–
2017 की #भाजपा_सरकार जुम्मे की छुट्टी के गर्भ से पैदा हुई और मेरा आरोप है कि 2022 में पैदा श्री पुष्कर सिंह धामी सरकार मुस्लिम यूनिवर्सिटी के झूठ के गर्भ से पैदा हुई है। मैं कह रहा हूं कि झूठ मुझ पर थोपा गया है, प्रधानमंत्री जी ने थोपा, उनके केंद्रीय मंत्रीगणों ने थोपा, उनके मुख्यमंत्री गणों ने थोपा और आज भी थोप रहे हैं, यदि भाजपा को हिम्मत है तो मेरे इस आक्षेप पर आप मेरे खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर करिये। जो मैंने कहा है भाजपा के लिए इससे अपमानजनक कोई टिप्पणी नहीं हो सकती है! भाजपा क्यों मौन है, मेरे इस अपमानजनक टिप्पणी पर ?? और मैं चुनौती देकर के कह रहा हूं फिर से यदि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, मैंने मीडिया के किस हिस्से में और किसको यह बयान दिया उसका कोई तथ्यात्मक प्रमाण सार्वजनिक रूप से जारी करें तो मैं सार्वजनिक जीवन छोड़ दूंगा अन्यथा भाजपा को अपने दोनों झूठों के लिए सार्वजनिक रूप से उत्तराखंड की जनता से माफी मांगनी चाहिए और मैं बताता चलूं कि गुजरात की भाजपा सरकार ने जरूर एक शासनादेश जो आज भी प्रभावी है मुस्लिम भाइयों को गुजरात में रमज़ान के आखरी जुम्मे के दिन छुट्टी को लेकर के एक आदेश जारी किया है, मैं उस आदेश की छाया प्रति दिखा सकता हूं।
हम आह भी भरते हैं तो वह करते हैं बदनाम और वह कुछ भी कर डालें, कहते हैं कि हम पर क्यों टिप्पणी कर रहे हो?