उत्तराखंड

फर्जी डॉक्टरों को डिग्री देने वाले हिस्ट्रीशीटर की संपत्तियों की जांच, गिरफ्तारियों का दौर होगा शुरू

फर्जी डॉक्टरों को डिग्री मुहैया कराने वाले मुजफ्फरनगर के हिस्ट्रीशीटर इमलाख की संपत्तियों की जांच भी शुरू कर दी गई है। इस संबंध में मंगलवार को टीम के इंचार्ज एसपी क्राइम सर्वेश पंवार ने सदस्यों के साथ बैठक की। उन्होंने 34 डॉक्टरों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें बनाने के निर्देश दिए है। बताया जा रहा है कि ज्यादातर डॉक्टर अपना क्लीनिक छोड़कर भाग गए हैं। इनके ठिकानों पर जल्द दबिश दी जाएगी।

एसपी क्राइम ने दिशा निर्देश जारी किए हैं कि फरार चल रहे गिरोह के मुख्य आरोपी और डॉक्टरों का रिकॉर्ड जुटा लिया जाए। उन्होंने बताया कि आरोपियों के बैंक खातों का विवरण जुटाया जा रहा है। पता लगाया जा रहा है कि इमलाख ने फर्जी डिग्री बनाकर कितनी संपत्तियां जुटाई हैं। जल्द ही आरोपी डॉक्टरों की गिरफ्तारी के लिए दबिश शुरू की जाएगी।

बता दें कि एसटीएफ ने आयुर्वेद डाक्टर की फर्जी डिग्री बनवाकर दून में क्लीनिक चला रहे दो आरोपितों को 11 जनवरी को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि झोलाछापों ने मुजफ्फरनगर स्थित बाबा ग्रुप आफ कालेज स्वामी दो भाइयों से आठ-आठ लाख रुपये में फर्जी डिग्री तैयार कराई और भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में पंजीकरण करा लिया। इसके बाद दून के प्रेमनगर और रायपुर में क्लीनिक खोल दिए। शुरूआती जांच में 36 डॉक्टरों के नाम पता चले थे। एसपी क्राइम ने बताया कि इनमें से कई देहरादून में हैं। जबकि, ज्यादातर देहरादून के बाहर हैं।

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