उत्तराखंड

जोशीमठ आपदा और राजनीतिक बयानबाजी के बीच कहीं मुद्दा भटक न जाए

चमोली जोशीमठ आपदा से जहां जोशीमठ के 30% से 40% से भी अधिक लोग प्रभावित हुए हैं । वही सरकारी आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो लगभग 886 घरों पर दरारे आई हुई हैै, और लोग 35 से भी अधिक लोगों पर अस्थाई रूप से राहत कैंपों में रह रहे हैं । जिसमें जोशीमठ की अधिकांश प्रभावित परिवार गोपेश्वर, चमोली, श्रीनगर ऋषिकेश ,देहरादून आदि नगरों में जाकर किराए पर रह रहे हैं दूसरी ओर कुछ परिवार ऐसे भी हैं ।

जिनके पास किराए पर रहने के लिए भी आवश्यक सुविधाएं नहीं है। वह राहत कैंपों में रह रहे हैंं, वहीं दूसरी ओर जोशीमठ के बारे में राजनीतिक दल खूब राजनीतिक रोटियां सेख रहे हैं भारतीय जनता पार्टी जो वर्तमान में सत्ता में विराजमान है वे लोग वामपंथियों के पुतले जला रहे वही वामपंथी कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी के महेंद्र भट्ट के पुतले जोशीमठ में दहन कर रहे हैं भारतीय जनता पार्टी के उत्तराखंड प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक बद्रीनाथ महेंद्र प्रसाद भट्ट के द्वारा दिए गए बयान मैं वामपंथियों एवं माओवादीयो के द्वारा जोशीमठ में आंदोलन चलाया जा रहा है इस पर सियासत चल रही है जहां जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती और उनकी टीम कड़क अंदाज में महेंद्र भट्ट के खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं वही जोशीमठ में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा वामपंथियों पर आरोप लगाए जा रहे हैं की जोशीमठ में जो तहसील परिसर में हर रोज चलाए जाने वाला धरना प्रदर्शन में जनता को वामपंथी लोग के द्वारा गुमराह कर रहे हैं

आंदोलन को लंबा खींच रहे हैं जोशीमठ में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह फरकिया ने आरोप लगाया है कि वामपंथी जोशीमठ आपदा से पीड़ित लोगों को लाभ नहीं दिलाना चाहते हैं वही आरोड़ा वने हुए हैं वही भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि सरकार सब कुछ कर रही है उसके बाद भी आंदोलन चलाना ठीक नहीं है जोशीमठ की आपदा को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा रहा है जिससे पर्यटन तीर्थाटन चार धाम यात्रा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा उन्होंने कहा कि जेएनयू सहित देशभर की वामपंथी आकर के जोशीमठ में भूधंसाव की घटना को अपने तरीके से तोड़ मरोड़ करके प्रस्तुत कर रहे हैं, वही अतुल सती का कहना है कि सरकार आपदा पीड़ितों के साथ धोखा कर रही है लोगों के संघर्ष को दबाना चाहती है। देखना होगा कि सरकार जोशीमठ की आपदा पीड़ितों को किस तरह से स्थाई पुनर्वास की व्यवस्था करती है वही आपदा पीड़ित भी स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं

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