हिमाचल में निराशा हाथ लगने के बाद रमेश पोखरियाल निशंक के घर जुटे दिग्गज, भावी रणनीति पर मंथन
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजों ने भले ही भाजपा को निराश किया हो, लेकिन अब आगामी चुनावों को लेकर पार्टी गंभीरता से जुट गई है।
इस कड़ी में उत्तराखंड में भी पार्टी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। कारण यह कि राज्य में अगले वर्ष नगर निकाय चुनाव होने हैं तो वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सामने हैट्रिक बनाने की चुनौती है। इसके साथ ही अगले वर्ष जी-20 के दो कार्यक्रमों की उत्तराखंड को मिली मेजबानी को भव्य बनाने पर भी भाजपा का जोर है।
भावी रणनीति पर मंथन किया
इसी क्रम में सोमवार शाम भाजपा के दिग्गज दिल्ली में हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के आवास पर जुटे और इन विषयों को लेकर भावी रणनीति पर मंथन किया। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही प्रदेश भाजपा संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों ने भाग लिया।
भाजपा की ओर से भले ही यह बताया गया कि संसद के शीतकालीन सत्र में उठाए जाने वाले राज्य से जुड़े विषयों को लेकर दिल्ली में यह बैठक बुलाई गई और संसद के प्रत्येक सत्र से पहले राज्यों की इस तरह की बैठकें बुलाए जाने की परंपरा है, लेकिन उत्तराखंड के दृष्टिकोण इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इसमें राज्य के सभी सांसदों (पांच लोकसभा और तीन राज्यसभा सदस्य) समेत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा के उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट व प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय ने भाग लिया।
सूत्रों का कहना है कि बैठक में जी-20 के ऋषिकेश में होने वाले दो कार्यक्रमों के संबंध में विमर्श किया गया। इसके साथ ही राज्य में अगले साल नवंबर में होने वाले नगर निकाय चुनाव में भी अब तक के चुनावों की भांति परचम लहराने की रणनीति तय की गई।
इसमें सांसदों की सक्रिय भागीदारी पर जोर देते हुए कहा गया कि नगर निकाय चुनावों की सफलता वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। असल में, उत्तराखंड में भाजपा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से अजेय बनी हुई है। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में हैट्रिक बनाने को पार्टी ने अभी से गोटियां बिछानी शुरू कर दी हैं।
सांसद व विधायक भी बनेंगे बूथ प्रबंधन का हिस्सा
भाजपा अपने बूथ प्रबंधन को और सशक्त बनाने की तैयारी कर रही है। इस कड़ी में पार्टी अपने सांसद, विधायक व संगठन के पदाधिकारियों के भी उन बूथों का दौरे का कार्यक्रम तय कर रही है, जिन्हें भाजपा विधानसभा चुनाव में जीत नहीं पाई थी।
इसके लिए एक पदाधिकारी को तीन बूथ की जिम्मेदारी दी गई है। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि अभी सांगठनिक ढांचा तैयार किया जा रहा है।
भाजपा हमेशा अपने संगठन के बल पर ही चुनाव जीतती है। इसमें भी बूथ प्रबंधन महत्वपूर्ण है। पार्टी अपनी बूथ की इकाई को भी और समृद्ध और सशक्त बनाना चाहती है। इसके लिए सांसद, विधायक व पदाधिकारियों के दौरे तय किए जाएंगे। एक पदाधिकारी तीन बूथ देखेंगे।
ये वे बूथ हैं, जहां भाजपा विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज नहीं कर पाई थी। दिल्ली बैठक के संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब संसद चल रही होती है तब केंद्रीय नेतृत्व ऐसी बैठकें रखता है। इनमें सांसदों के माध्यम से प्रदेश के प्रमुख विषयों को उठाने पर विचार विमर्श किया जाता है।