प्रदेश में महिला आरक्षण विधेयक बना कानून, शासन से अधिसूचना जारी, पढ़िए क्या दिए गए तर्क
उत्तराखंड में महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के विधेयक को मंजूरी के बाद सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। अब महिला आरक्षण का विधेयक कानून बन गया है। विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार इस कानून का संक्षिप्त नाम उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) अधिनियम 2022 है।
कानून बनने के बाद राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। अधिसूचना में अधिनियम के पालन के लिए उत्तरदायित्व एवं शक्ति, प्रमाण पत्र जारी करने की शक्ति, नियम बनाने की शक्ति एवं कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति के बारे में बताया गया है।
अधिसूचना में कहा गया कि प्रदेश की विषम भौगोलिक संरचना की वजह से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोग विकट जीवन यापन करते हैं। खासतौर पर राज्य की महिलाएं विषम परिस्थितियों में जीवन का निर्वाह करती हैं। इस वजह से इन महिलाओं का जीवन अन्य राज्यों की महिलाओं से निम्न है। राज्य की महिलाएं अपेक्षित, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक स्तर को नहीं पा सकी हैं। राज्य में सरकारी सेवाओं में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम है। सामाजिक न्याय, समानता, जीवन स्तर में सुधार, लोक नियोजन में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया गया।